मंगलवार, 28 अप्रैल 2020

गठिया रोग का उपचार,|हृदय रोग का उपचार ,|गुर्दे की पथरी का उपचार ,|बवासीर का उपचार,|यकृत वृद्धि रोग का उपचार

गठिया रोग का उपचार

उपचार - 1:
बथुए के ताजे पत्तो का 25 ग्राम रस, 2-3 महीनो तक सुबह खाली पेट पीने से गठिया में जरूर लाभ होता है
उपचार - 2:
50 ग्राम लहसुन की कालिया ले, इसमें 3-3 ग्राम सेंध नमक, जीरा, हींग, पीपल, कालि मिर्च और सौंठ मिला कर पीस ले, इस मिश्रण को अरंड के तेल में भून कर रख ले| इस दवा को 1 चम्मच दिन में 2 बार लेने से गठिया में शीघ्र आराम मिलता है
उपचार - 3:
50-50 ग्राम लहसुन, गिलोय, देवदारु, सौंठ, अरंड की जड़, को कूटकर छानकर 1 शीशी में भर ले| इस मिश्रण में से 2 चम्मच 1 गिलास पानी में उबालकर, आधा शेष रहने पर ठंडा करके, छान कर सुबह_शाम पीने से गठिया में जल्दी ही लाभ होता है
उपचार - 4:
मिश्री और असगंध की जड़ को सामान मात्रा में लेकर कूट_छान कर इसका मिश्रण एक शीशी में भर ले, इस चूर्ण को 5-6 ग्राम लेकर, दूध के साथ सुबह_शाम प्रयोग करे, गठिया से बिस्तर पकड़ा हुआ रोगी भी चलने लगेगा
उपचार - 5:
ज्यादा से ज्यादा पानी पीने से शारीर के विजातीय पदार्थ और यूरिक एसिड बहार निकाल जाते है, जिससे गठिया में आराम मिलता है



हृदय रोग का उपचार

उपचार - 1:
प्रतिदिन 5-10 ग्राम प्याज का रस सुबह खाली पेट पीने से खून_नालियों में कोलेस्ट्रोल नहीं जमता और हृदय रोग में सुधार होता है
उपचार - 2:
अंगूर का रस प्रतिदिन पीने से हृदय रोग थोक होते है, इससे दिल की बढ़ी हुई धड़कन को भी नियंत्रित किया जा सकता है
उपचार - 3:
प्रतिदिन सुबह 1 गिलास गुनगुने पानी में 1 निम्बू का रस और 2 चम्मच शहद मिलाकर पीने से भी हृदय रोग में लाभ होता है
उपचार - 4:
सेब और शक्करकंद का नियमित प्रयोग करने से भी हृदय रोग में आराम मिलता है, इनसे हृदय को पोषण मिलता है
उपचार - 5:
हृदय रोगी का खाना पकाने में जैतून के तेल को प्राथमिकता दें, इससे हृदय रोग में काफी आराम मिलता है
उपचार - 6:
हृदय रोग में शराब और नमक से परहेज करना चाहिए
उपचार - 7:
4-5 लहसुन की कलियाँ बारीक काट कर, दूध में उबाल कर पीने से हृदय रोग में राहत मिलती है, लहसुन खून_की_नालियों में कोलेस्ट्रोल नहीं जमने देता


गुर्दे की पथरी का उपचार

उपचार - 1:
ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए, ताकि मूत्र के जरिये शारीर के विजातीय पदार्थ बाहर निकल जाए
उपचार - 2:
50-50 ग्राम मिश्री, सौंफ, सूखा धनिया रात को 1 लीटर पानी में भिगो कर रखे, 24 घंटे बाद छानकर इस सौंफ धनिये को पीसकर पेस्ट बना ले, इस पेस्ट को पानी में घोलकर पीते रहने से पथरी मूत्र के साथ बाहर निकल जाती है
उपचार - 3:
मूली के ताजे पत्तो का रस निकालकर 200 ग्राम की मात्रा में दिन में 2 बार सेवन करने से पत्थरी रोग नष्ट होता है
उपचार - 4:
चौलाई की सब्जी में पथरी को गलाने की ताकत होती है, चौलाई को उबाल कर, दिन में 3-4 बार, धीरे धीरे चबा_चबा कर खाये, पथरी में गुणकारी उपचार है
उपचार - 5:
1 नीम्बू का रस 1 गिलास गुनगुने पानी के साथ दिन में 2 बार लेने से पथरी में लाभ होता है, नीम्बू पथरी को तोड़ कर पिघलाने में कारगर है
उपचार - 6:
10 ग्राम गाजर के बीज, 10 ग्राम मूली के बीज, 20 ग्राम गोखरू,5 ग्राम जवाखार को मिलाकर चूर्ण बना ले, इस चूर्ण की 4-4 ग्राम की पुड़िया बना ले, इसकी 1 खुराक सुबह 6 बजे, दूसरी 9 बजे और तीसरी शाम को 5 बजे पानी_दूध की लस्सी के साथ लेने से पथरी में आशाजनक लाभ होता है
उपचार - 7:
50 ग्राम प्याज को पीसकर पेस्ट बना ले, इसे निचोड़कर इसके रस निकाल ले, प्रतिदिन ऐसा रस सुबह खाली पेट पीने से पथरी गलकर बाहर निकल जाएगी
उपचार - 8:
1 चम्मच शहद के साथ 1 चम्मच तुलसी के पत्तो का रस प्रतिदिन प्रातः सेवन करने से कुछ ही महीने में गुर्दे की पथरी निकल जाती है

बवासीर का उपचार

उपचार - 1:
हरड़ के साथ गुड़ मिलाकर खाने से भी बवासीर में लाभ मिलता है
उपचार - 2:
आम की गुठली के चूर्ण को पानी या शहद के साथ 1 चम्मच की मात्रा में सेवन करने से खुनी बवासीर में लाभ होता है
उपचार - 3:
विटामिन सी की 500 MG की 2 गोलिया प्रतिदिन लेने से खून की नालिया स्वस्थ होती है, जो बवासीर रोग के इलाज में लाभकारी है
उपचार - 4:
जमीकंद को गर्म राख में भून कर दही के साथ कुछ दिन तक सेवन करने से बवासीर में लाभ होता है
उपचार - 5:
शाम के समय, पके केले को चीर के 2 टुकडे करे, उसपर कत्था पीसकर छिड़क दे और रात भर खुली जगह पर रखे, सुबह शौच के बाद उस केले को खाने से 15-20 दिनों में हर प्रकार की बवासीर ठीक हो जाती है
उपचार - 6:
प्याज के छोटे छोटे टुकड़े करके सुखा ले, सूखे टुकड़ो को 15 ग्राम घी में तले, फिर इसमें 2 ग्राम तिल और 20 ग्राम मिश्री मिलाकर प्रतिदिन खाने से बवासीर ख़त्म होती है
उपचार - 7:
करंज, हरसिंगार, जामुन, बबूल, इमली, बकायन, इन सभी के बीज की गिरी और काली मिर्च को बराबर मात्रा में लेकर कूट_पीसकर मटर के दाने के बराबर गोली बना ले, 2-2 गोली दिन में 2 बार छाछ के साथ लेने से बवासीर में अवस्य आराम मिलता है, बवासीर की श्रेष्ठ औषधि है
उपचार - 8:
1 नीम्बू को काट कर दोनों टुकड़ो पर 5 ग्राम कत्था पीसकर छिड़क दे, रात बार खुली जगह में रख दे, सुबह बासी मुँह, दोनों टुकड़ो को चूस ले, 15-20 दिनों में हर प्रकार की बवासीर ठीक हो जाती है
उपचार - 9:
कमाल के हरे पत्ते को पीसकर, थोड़ी सी मिश्री मिलाकर खाने से बवासीर का खून आना बंद हो जाता है
उपचार - 10:
बवासीर में दही और छाछ का नियमित सेवन लाभकारी है
उपचार - 11:
गेंदे के हरे पत्ते 10 ग्राम ले, 5 दाने काली मिर्च, 10 ग्राम मिश्री, सबको पीसकर 50 ग्राम पानी में मिला ले, इस मिश्रण को प्रतिदिन लेने से कुछ ही दिनों में खूनी बवासीर ठीक हो जाता है
उपचार - 12:
एलोवेरा का गूदा बवासीर के मस्सो पर लगाने से सूजन दूर होती है
उपचार - 13:
बवासीर के रोगी को प्रतिदिन 4-5 लीटर पानी जरूर पीना चाहिए, इससे कब्ज नही होगी जो बवासीर का प्रमुख कारण है


यकृत वृद्धि रोग का उपचार

उपचार - 1:
प्रतिदिन सुबह 1 पपीता खाने से कुछ ही दिनों में यकृत रोग में लाभ होता है, पपीता खाने के 1-2 घंटे बाद तक कुछ न खाए
उपचार - 2:
आयुर्वेद के अनुसार, कुमारी आसव यकृत के रोग में बहुत लाभकारी औषधि है
उपचार - 3:
सुबह खाली पेट 2 संतरे का रस पीने से कुछ ही दिनों में यकृत रोग से मुक्ति मिलती है
उपचार - 4:
यकृत रोगी के लिए शराब बहुत हानिकारक है, शराब का सेवन बिलकुल त्याग देना चाहिए
उपचार - 5:
यकृत रोग में 1 कच्चा बैंगन प्रतिदिन खाने से लिवर ठीक होता है
उपचार - 6:
करेला, गाजर, पालक, कड़वी सहजन की फली और हरी सब्जियां यकृत रोग में लाभकारी है
उपचार - 7:
मछली, अंडे और दालों का अधिक मात्रा में सेवन यकृत रोग में लाभकारी है
उपचार - 8:
3 ग्राम अजवाइन और आधा ग्राम नमक भोजन के बाद पानी के साथ लेने से लिवर-तिल्ली से सम्बंधित सभी रोग ठीक हो जाते है



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