ब्लॉग आर्काइव

शनिवार, 2 मार्च 2019

बनाएं इस साल को अपनी life का सबसे बड़ा साल जानकारी “बड़ा” का मतलब क्या है? पर मैं इतना sure कैसे हूँ कि मैं सही रास्ते पर हूँ?

बनाएं इस साल को अपनी life का सबसे बड़ा साल
पर मैं इतना sure कैसे हूँ कि मैं सही रास्ते पर हूँ?



2014 बीत चुका है …so let’s welcome year 2015.

Friends, मैं चाहता हूँ आपका ये साल आपकी life का सबसे बड़ा साल हो . And believe me मैं पूरी sincerity के साथ ऐसा चाहता हूँ , मैं जानता हूँ आप इस बात को समझते हैं कि मैं GROWTH देखना चाहता हूँ …आपकी भी और अपनी भी . 


“बड़ा” का मतलब क्या है?

Hmmm , पहला  काम  यही  है  आपको  अपने  लिए  इस  “बड़ा ” को  define करना  होगा .  ये  ऐसा  कुछ  होगा  जो  शायद  आप  बहुत  पहले  से  पाना  चाहते  होंगे , जिसके  बारे  में  सोचते  होंगे , but unfortunately उसे  पा  नहीं  पाते  होंगे . आपके  लिए  बड़ा  क्या  है  ये  सिर्फ आप  define करेंगे …हो  सकता  है  ये  औरों  की  नज़र  में  छोटा  हो …that does not matter…ये  बस  आपके  लिए  बड़ा  होना  चाहिए …!!
For example:
किसी  के  लिए  बड़ा  हो  सकता  है ….अपना  business start करना ….किसी  के  लिए  English बोलना  सीखना  तो  किसी  के  लिए  exam में  top करना . जो  भी  आपके  लिए  बड़ा  है  उसे  अपने  जेहन  में  बैठा  लीजिये …अपनी success diary में लिख  लीजिये , उसे  अपना  बना  लीजिये ….क्योंकि  अगर  आप  serious हैं  तो  ये  साल  आपके  लिए  अलग  होने  वाला  है .
“बड़ा ” होने  के  लिए  ज़रूरी  नहीं  है  कि  आप  किसी  end result तक  पहुँच  जाएं  … “बड़ा ” तब  भी  है  अगर  आप  उस  रास्ते   पर  आगे  बढ़  जाते  हैं  जो आपकी  मंजिल  तक  जाता  है  .और  ये  test करने  के  लिए  कि  आप  सही  रास्ते  पर  हैं  कि  नहीं  आपको  हकीकत में  हो  रहे  बदलावों  पर  ध्यान  देना  होगा .आपको  ध्यान  देना  होगा  कि  क्या  आपके  efforts की बदौलत  real world में  कुछ  ऐसा  दिख  रहा  है  जो prove कर  सके  कि  आप  सही  दिशा  में  बढ़  रहे  हैं .
मैंने   2012 के  अंत  में   कार्य की  शुरुआत  की  थी  और  निश्चय  किया  था  कि  मैं  इस  blog से  इतनी  income generate कर  लूँगा  कि  मुझे  नौकरी  करने  की  ज़रुरत  न  रहे  !  यह  मेरे  लिए  एक  बड़ा  काम  था .
क्या  मैं  उसे  2013 में  achieve कर  पाया ?
नहीं  .
2014 में ?
नहीं .
तो  क्या  मैं  अपने  लिए  2013-2014 को  बेकार  साल  समझूँ ?
नहीं , on the contrary ये  तो  मेरी  life के  सबसे  productive years थे …मैं  इन  दो  सालों  में  अपने  उस  बड़े  goal  की  तरफ  बढ़  पाया , और  वो  काम  करते  हुए  बढ़  पाया  जो  मुझे  बेहद  पसंद  है —लोगों  की  मदद  करना .

पर मैं इतना sure कैसे हूँ कि मैं सही रास्ते पर हूँ ?

क्योंकि  मैं  real world में  ऐसी  चीजें  देख  सकता  हूँ   जो  ये  prove करती  हैं . कार्य शुरू  करने  के  सवा  साल  तक  मैं  इससे  1 रुपया  भी  नहीं  earn  कर  पाया  पर  अब  मैं  इस  blog से  हर  महीने  5 figure income generate करता  हूँ .  In my opinion मेरे  लिए  सबसे  important time 2014 का  ही  time था …जब  मैं  अपनी  self-belief और  commitment के  दम  पर  काम  करते  जा  रहा  था …बिना  रुके  ..बिना  थके .
और  अगर  आप  अभी  तक  अपने  “बड़े  काम”  की  तरफ  नहीं  बढें  हैं  तो  आप  भी  अपनी  thousands mile की  journey एक  step के  साथ  शुरू  कीजिये …और  जब  बाद  में  आप  पीछे  मुड़  कर  देखेंगे  तो  महसूस  करेंगे  कि  2015 आपकी  ज़िन्दगी  का  सबसे  बड़ा  साल था – आपकी  success story का  पहला  साल .





से पाएं Negative Thoughts से छुटकारा ? जानकारी Step 1: अपनी negative thought को एक mental image में बदल लें. Step 2: उस negative thought को replace करने के लिए कोई powerful positive thought चुनें. Step 3: अब अपनी positive thought को एक mental image में बदल लें Step 4: अब दोनों mental images को एक साथ जोड़ दीजिये. Step 5: Test


कैसे पाएं Negative Thoughts से छुटकारा ?
Step 5: Test

Step 1: अपनी negative thought को एक mental image में बदल लें.

उस आवाज को सुनिए और दिमाग में उसकी एक तस्वीर बना लीजिये.For Example, यदि आपकी सोच है कि , “मैं idiot हूँ”, तो कल्पना कीजिये कि आप मूर्खतापूर्ण कपडे पहने और जोकरों वाली टोपी लगाकर इधर उधर कूद रहे हैं. आपके चारो तरफ लोग खड़े हैं जो आपकी तरफ ऊँगली दिखा रहे हैं और आप चिल्ला रहे हैं, “मैं idiot हूँ” आप इस scene को जितना बढ़ा चढ़ा कर देखेंगे उतना बेहतर है . चटक रंगों, खूब सारे animation,यहाँ तक कि आप कुछ sex से भी सम्बंधित सोच सकते हैं यदि ये आपको याद रखने में मदद करे. इस scene को बार-बार तब तक practice करते रहिये जब तक महज वो negative line सोचने भर से आपके दिमाग में आपकी कल्पना की हुई negative mental image ना आने लगे.
यदि आपको उस विचार का चित्रण करने में दिक्कत हो तो आप उसे एक आवाज़ का भी रूप दे सकते हैं. अपनी negative thought को एक आवाज़ में बदल लें , जैसे कि कोई धुन जिसे आप गुनगुनाते हों. इस प्रोसेस follow करने में को चाहे एक  sound की कल्पना करें या किसी चित्र की , दोनों ही तरह से ये काम करेगा. वैसे मैं किसी चित्र के बारे में कल्पना करना prefer करता हूँ.


Step 2: उस negative thought को replace करने के लिए कोई powerful positive thought चुनें.

अब decide करिए की negative thought को replace करने के लिए आप कौन सी positive thought चुनेंगे. जैसे कि यदि आप ये सोचते रहते हैं कि, ” मैं idiot हूँ,” तो शायद आप उसे , “मैं brilliant हूँ.” से replace करना चाहेंगे. कोई ऐसी सोच चुनिए जो आपको कुछ इस तरह से शशक्त बनाए कि आप उस negative thought के असर को कमजोर बना पाए.
Step 3: अब अपनी positive thought को एक mental image में बदल लें

एक बार फिर से Step 1 की तरह ही अपनी positive thought के लिए एक mental image बना लें. जैसे कि उदाहरण में ली गयी सोच  “में brilliant हूँ” के लिए आप खुद को Superman की तरह दोनों हाथ कमर पर रख कर खड़ा हुआ होने की कल्पना कर सकते हैं.और आप सोच सकते हैं कि ठीक आपके सर के ऊपर एक bulb जल रहा है. Bulb बहुत तेज रौशनी के साथ जगमगा रहा है, और आप जोर से चीख रहे हैं, ” मैं bbbbrrrrrillllliannnnttt हूँ !”. इसकी practice तब तक करते रहिये जब तक महज वो positive line सोचने भर से आपके दिमाग में आपकी कल्पना की हुई positive mental image ना आने लगे.



Step 4: अब दोनों mental images को एक साथ जोड़ दीजिये.

आपने Step 1 और Step 3 में जो mental image सोची है , दोनों को अपने दिमाग में चिपका दीजिये. ये trick chaining नामक memory technique में प्रयोग होती है. इसमें आप पहले चित्र को दुसरे में परिवर्तित कर देते हैं. मेरा सुझाव है कि आप इस एक animated movie की तरह करिए. इसमें आपको पहला (negative picture) और आखिरी (positive picture) scene का अंदाजा है, बस आपको बीच में एक छोटा सा एनीमेशन भरना है.
For example, पहले scene में  आपके idiot version पर कोई एक light bulb फेंकता है.और आप उस बल्ब को कैच कर लेते हैं और  आपके पकड़ते ही वो बल्ब बड़ा होने लगता है और उससे इतनी तेज रौशनी निकलती है कि आपको घेरे हुए लोग चौंधिया जाते हैं. तब आप अपने मूर्खतापूर्ण कपड़ों को फाड़ कर फेंक देते हैं और चमचमाते सफ़ेद लिबास में प्रकट होते हैं. आप Superman की तरह पूरे आत्मविश्वास के साथ खड़े होकर जोर से चिल्लाते हैं, ” ” मैं bbbbrrrrrillllliannnnttt हूँ !”और फिर वो लोग अपने घुटनों के बल बैठ जाते हैं और आपकी पूजा करने लगते हैं. एक बार फिर , आप इसे जितना बढ़ा-चढ़ा कर सोचेंगे उतना अच्छा होगा. बढ़ा-चढ़ा कर सोचना आपको scene को याद रखें में मदद करेगा क्योंकि हमारा दिमाग unusual चीजों को याद रखने के लिए designed होता है.
एक बार जब आप पूरा scene complete कर  लें तो फिर बाद-बाद इसे अपने दिमाग में दोहरायें ताकि speed आ जाये. इस  scene को शुरू से अंत तक तब तक imagine करते रहिये जब तक कि आप पूरा का पूरा scene 2 मिनट में complete नहीं कर लेते, ideally 1 मिनट में. ये बिजली की तेजी से होना चाहिए, वास्तविक दुनिया से कहीं तेज.


Step 5: Test.

अब आपको अपने mental redirect को टेस्ट करना है कि ये काम कर रहा है कि नहीं. ये बहुत हद्द तक HTML redirect की तरह है – जब आप पुराना negative URL input करते हैं, तब आपका दिमाग उसे automatically positive की तरफ  redirect कर देता है.Negative thought के  दिमाग में आते ही तुरन्त positive thought आपके दिमाग में आ जानी चाहिए. अगर आपने ये सही से practice किया है तो ये automatically होने लगेगा. Negative thought दिमाग में आते ही पूरा का पूरा scene आपके दिमाग में घूम जायेगा. इसलिए आप जब भी ये सोचेंगे कि , ” मैं idiot हूँ “, भले आप पूरी तरह से aware ना हो कि आप ऐसा सोच रहे हैं, आप अंत में खुद को ये सोचता हुआ पायेंगे कि, “मैं brilliant हूँ”
अगर आपने पहले ऐसा visualization नहीं किया है तो आपको ये सब करने में कुछ समय लगेगा. Speed practice के साथ आएगी. एक बार अभ्यास हो जाने के बाद सारी चीजें सेकेंडों में हो जाएँगी. पहली बार करने में चीजें धीमी गति से होंगी,इससे discourage मत  होइए . किसी भी और skill की तरह इसे भी learn किया जा सकता है,और शायद पहली बार सीखने में ये आपको ये कुछ अटपटा लगे.
मेरा सुझाव है कि आप अलग-अलग तरह की कल्पना के साथ experiment करिए. आपको कुछ कल्पनाएँ बाकियों से सही लगेंगी. Association Vs. Dissociation पर ख़ास ध्यान दीजिये. जब आप किसी scene से associated होंगे तो आप उसे अपनी आँखों से घटता हुआ देखेंगे( i.e. first person perspective). जब आप dissociated होंगे तो आप उस scene में खुद को देखने की कल्पना करेंगे ( i.e. third person perspective). आम  तौर  पर मुझे best results खुद को dissociate करने पर मिलते हैं. आपके results अलग हो सकते हैं.
मैंने 1990s की शुरआत में इस तरह की काफी mental conditioning की है. जब भी मुझे इस तरह की कोई नकारात्मक सोच परेशान करती थी तो मैं उसे चुनता था और उसकी दिशा बदल देता था.कुछ ही दिनों में मैंने दर्जनों negative thought patterns को reprogram कर दिया था, और कुछ ही दिनों में मेरे दिमाग के लिए negative thought या emotion produce करना भी कठिन हो गया. ऐसी कोई भी सोच positive सोच की तरफ redirect हो जातीं.शायद कुछ हद तक इसीलिए मैं college से निकलने के तुरंत बाद अपन business start करने में पूरा confident था.मैं mental conditioning के माध्यम से अपनी self-doubt सम्बंधित thoughts को can-do mindset में बदल देता था. कालेज के दिनों में मैंने इसका खूब प्रयोग किया और शायद इसी वजह से मैंने औरों से जल्दी graduate हो पाया.इसके बावजूद मुझे कई real-world challenges को face करना पड़ा, पर कम से कम मैं उस समय खुद के self-doubt से नहीं लड़ रहा था.
इस तरह की mental conditioning ने मुझे अपने अंदरुनी मामलों को control करने में काफी सहायता की.आज मैं ये इतना भली-भांति कर लेता हूँ कि बिना इसके बारे में सोचे ही ये automatically होता रहता है. किसी point पर मेरे subconscious ने इसका कंट्रोल ले लिया; इसलिए जब कभी मेरे मन कोई ऐसा विचार आता है कि , “I can’t” तो वो स्वतः ही ,”How can I?” में परिवर्तित हो जाता है. दरअसल जब आप mental conditioning को बहुत ज्यादा practice कर लेते हैं तो यही होता है- आपका subconscious कंट्रोल ले लेता है;ठेक विअसे ही जैसे कि साइकिल चलाने की practice के बाद हो जाता है.
अब जब कभी आपको लगे कि कोई negative thought आपके दिमाग में घर कर रही हो तो इसे try कीजिये. मेरे विचार है कि आप इसे काफी सशक्त बनाने वाला पाएंगे. और जिन्हें इससे फायदा पहुँच सकता है उनके साथ जरूर share करिए.



शुक्रवार, 1 मार्च 2019

7 Habits जो बना सकती हैं आपको Super Successful जानकारी Habit 1 : Be Proactive / प्रोएक्टिव बनिए Habit 2: अंत को ध्यान में रख कर शुरुआत करें. Habit 3 : Put First Things First प्राथमिक चीजों को वरीयता दें Habit 4: Think Win-Win हमेशा जीत के बारे में सोचें Habit 5: पहले दूसरों को समझो फिर अपनी बात समझाओ. Habit 6: Synergize / ताल-मेल बैठाना Habit 7: Sharpen the Saw कुल्हाड़ी को तेज करें


7 Habits जो बना सकती हैं आपको Super Successful

Habit 1 : Be Proactive /प्रोएक्टिव बनिए

Proactive  होने का मतलब है कि अपनीlife के लिए खुद ज़िम्मेदार बनना. आप हर चीज केलिए अपने parents  या  grandparents  को नही blame कर सकते .Proactive  लोग इस बात को समझते हैं कि वो “response-able” हैं . वो अपने आचरण के लिए जेनेटिक्स ,परिस्थितियोंया परिवेष को दोष नहीं देते हैं.उन्हें पता होताहै कि वो अपना व्यवहार खुद चुनते हैं. वहीँ दूसरी तरफ जो लोगreactive  होते हैं वो ज्यादातर अपने भौतिक वातावरण से प्रभावितहोते हैं. वो अपनेbehaviour  के लिए बाहरी चीजों को दोष देते हैं. अगर मौसम अच्छा हैतोउन्हें अच्छा लगता है.और अगर नहीं है तो यह उनकेattitude और  performance  को प्रभावित करता हैऔर वो मौसम को दोष देते हैं. सभी बाहरी ताकतें एक उत्तेजना  की तरह काम करती हैं जिन पर हम reactकरते हैं. इसी उत्तेजना और आप उसपर जो प्रतिक्रिया करते हैं के बीच में आपकी सबसे बड़ी ताकत छिपी होती है- और वो होती है इस बात कि स्वतंत्रता कि आप  अपनी प्रतिक्रिया का चयन स्वयम कर सकते हैं. एक बेहद महत्त्वपूर्ण चीज होती है कि आप इस बात का चुनाव कर सकते हैं कि आप क्या बोलते हैं.आप जो भाषा प्रयोग करते हैं वो इस बात को indicate  करती है कि आप खुद को कैसे देखते हैं.एक proactive व्यक्तिproactive भाषा का प्रयोग करता है.–मैं कर सकता हूँमैं करूँगा, etc. एकreactive  व्यक्ति reactive  भाषा का प्रयोग करता है- मैं नहीं कर सकताकाश अगर ऐसा होता , etc. Reactive  लोग सोचते हैं कि वो जो कहते और करते हैं उसके लिए वो खुद जिम्मेदार नहीं हैं-उनके पास कोई विकल्प नहीं है.
ऐसी परिस्थितियां जिन पर बिलकुल भी नहीं या थोड़ा-बहुत control किया जा सकता हैउसपर react या चिंता करने के बजायेproactive  लोग अपना time  और  energy  ऐसी चीजों में लगाते हैं जिनको वो  control  कर सकें. हमारे सामने जो भी समस्याएं,चुनतिया या अवसर होते हैं उन्हें हम दो क्षेत्रों में बाँट सकते हैं:



1)Circle of Concern ( चिंता का क्षेत्र )

2)Circle of Influence. (प्रभाव का क्षेत्र )
Proactive  लोग अपना प्रयत्न Circle of Influence पर केन्द्रित करते हैं.वो ऐसी चीजों पर काम करते हैं जिनके बारे में वो कुछ कर सकते हैं: स्वास्थ्य बच्चे कार्य क्षेत्र कि समस्याएं.Reactive  लोग अपना प्रयत्नCircle of Concern पर केन्द्रित करते हैं: देश पर ऋण आतंकवादमौसम. इसबात कि जानकारी होना कि हम अपनीenergy किन चीजों में खर्च करते हैं, Proactive  बनने की दिशा में एक बड़ा कदम है
Habit 2: Begin with the End in Mind  अंत को ध्यान में रख कर शुरुआत करें. 
गी काleader बनाता है. आप अपना भाग्य खुद बनाते हैंऔर जो सपने आपने देखे हैं उन्हें साकार करते हैं. 
Habit 2: Begin with the End in Mind  अंत को ध्यान में रख कर शुरुआत करें. 

तोआप बड़े होकर क्या बनना चाहते हैं?शायद यह सवाल थोड़ा अटपटा लगे,लेकिन आप इसके बारे में एक क्षण के लिए सोचिये. क्या आप अभी वो हैं जो आप बनना चाहते थेजिसका सपना आपने देखा थाक्या आप वो कर रहे हैं जो आप हमेशा से करना चाहते थे. इमानदारी से सोचिये. कई बार ऐसा होता है कि लोग खुद को ऐसी जीत हांसिल करते हुए देखते हैं जो दरअसल खोखली होती हैं–ऐसी सफलताजिसके बदले में उससे कहीं बड़ी चीजों को  गवाना पड़ा. यदि आपकी सीढ़ी सही दीवापर नहीं लगी है तो आप जो भी कदम उठाते हैं वो आपको गलत जगह पर लेकर जाता है.

Habit 2  आपके imagination या कल्पना  पर आधारित है– imagination ,यानि आपकी वो क्षमता जो आपको अपने दिमाग में उन चीजों को दिखा सके जो आप अभी अपनी आँखों से नहीं देख सकते. यह इस सिधांत पर आधारित है कि हर एक चीज का निर्माण दो बार होता है. पहला mental creation,और दूसरा physical creation. जिस  तरह blue-print तैयार होने केबाद मकान बनता है उसी प्रकारmental  creation  होने के बाद हीphysical creation होती है.अगर आप खुद  visualize  नहीं करते हैं कि आप क्या हैं और क्या बनना चाहते हैं तो आपआपकीlife कैसी होगी इस बात का फैसला औरों पर और परिस्थितियों पर छोड़ देते हैं. Habit 2 इस बारे में है कि आप किस तरह से अपनी विशेषता को पहचानते हैं,और फिर अपनीpersonal, moral और  ethical  guidelines के अन्दर खुद को खुश रख सकते और पूर्ण कर सकते हैं.अंत को ध्यान में रख कर आरम्भ करने का अर्थ हैहर दिन,काम या project  की शुरआत एक clear vision  के साथ करना कि हमारी क्या दिशा और क्या मंजिल होनी चाहिएऔर फिरproactively  उस काम को पूर्ण करने में लग जाना.
Habit 2  को practice मेंलाने का सबसे अच्छा तरीका है कि अपना खुद का एकPersonal Mission Statementबनाना. इसका फोकस इस बात पर होगा कि आप क्या बनना चाहते हैं और क्या करना चाहते हैं.ये success के लिए की गयी आपकीplanning है.ये इस बात की पुष्टिकरता है कि आप कौन हैं,आपके goalsकोfocus  में रखता हैऔर आपके ideas को इस दुनिया में लाता है. आपकाMission Statement आपको अपनी ज़िन्दगी काleader बनाता है. आप अपना भाग्य खुद बनाते हैंऔर जो सपने आपने देखे हैं उन्हें साकार करते हैं.
 

Habit 3 : Put First Things First प्राथमिक चीजों को वरीयता दें

एक balanced life  जीने के लिए,आपको इस बात को समझना होगा कि आप इस ज़िन्दगीमें हर एक चीज नहीं कर सकते. खुद को अपनी क्षमता से अधिक कामो में व्यस्त करने की ज़रुरत नहीं है. जब ज़रूरी हो तो “ना” कहने में मत हिचकियेऔर फिर अपनी important priorities परfocus  कीजिये.
Habit 1  कहती है कि , ” आप in charge हैं . आप creator हैं”.Proactive होना आपकी अपनी choiceहै. Habit 2 पहले दिमाग में चीजों कोvisualize  करने के बारे में है. अंत को ध्यान में रख कर शुरआत करना vision से सम्बंधित है. Habit 3  दूसरी creation ,यानि  physical creation  के बारे में है. इस habit मेंHabit 1 और Habit 2  का समागम होता है. और यह हर समय हर क्षण होता है. यह Time Management सेrelated कई प्रश्नों को  deal  करता है.
लेकिन यह सिर्फ इतना ही नहीं है.Habit 3  life management  के बारे में भी है—आपका purpose, values, roles ,औरpriorities. “प्राथमिक चीजें” क्या हैंप्राथमिक चीजें वह हैं जिसको आप व्यक्तिगत रूप से सबसे मूल्यवान मानते हों. यदि आप प्राथमिक कार्यों को तरजीह देने का मतलब है कि आप अपना समय अपनी उर्जा Habit 2  में अपने द्वारा set की गयींpriorities पर लगा रहे हैं.
 


Habit 4: Think Win-Win  हमेशा जीत के बारे में सोचें

Think Win-Win अच्छा होने के बारे में नहीं हैना ही यह कोई short-cut है. यहcharacter पर आधारित एक कोड है जो आपको बाकी लोगों से interact और सहयोग करने के लिए है.
हममे से ज्यादातर लोग अपना मुल्यांकन दूसरों से comparison और  competition  के आधार पर करते हैं. हम अपनी सफलता दूसरों की असफलता में देखते हैं—यानि अगर मैं जीतातो तुम हारे,तुम जीते तो मैं हारा. इस तरह life एकzero-sum game बन जाती है. मानो एक ही रोटी होऔर अगर दूसरा बड़ा हिस्सा ले लेता है तो मुझे कम मिलेगाऔर मेरी कोशिश होगी कि दूसरा अधिक ना पाए. हम सभी ये game  खेलते हैंलेकिन आप ही सोचिये कि इसमें कितना मज़ा है?
Win -Win ज़िन्दगी कोco-operationकी तरह देखती है, competition कीतरह नहीं. Win-Win दिल और दिमाग की ऐसी स्थिति है जो हमेंलगातार सभी काहित सोचने के लिए प्रेरित करती है.Win-Win का अर्थ है ऐसे समझौते और समाधान जो सभी के लिए लाभप्रद और संतोषजनक हैं. इसमें सभी   खाने को मिलती हैऔर वो काफी अच्छाtaste  करती है.
एक व्यक्ति या संगठन जो Win-Win attitude  के साथ समस्याओं को हल करने की कोशिश करता है उसके अन्दर तीन मुख्य बातें होती हैं:

  1.  Integrity / वफादारी :अपनेvalues, commitmentsऔरfeelings के साथ समझौता ना करना.
  2. Maturity / परिपक्वता : अपनेideas औरfeelings  को साहस के साथ दूसरों के सामने रखना और दूसरों के विचारों और भावनाओं की भी कद्र करना.
  3. Abundance Mentality /प्रचुरता की मानसिकता :इस बात में यकीन रखना की सभी के लिए बहुत कुछ है.
बहुत लोगeither/or  केterms  में सोचते हैं: या तो आप अच्छे हैं या आप सख्त हैं.Win-Win में दोनों की आवश्यकता होती है. यह साहस और सूझबूझ के बीचbalance  करने जैसा है.Win-Winको अपनाने के लिए आपको सिर्फ सहानभूतिपूर्ण ही नहीं बल्कि आत्मविश्वाश से लबरेज़ भी होना होगा.आपको सिर्फ विचारशील और संवेदनशील ही नहीं बल्कि बहादुर भी होना होगा.ऐसा करनाकि -courage और  considerationमेंbalance  स्थापित होयहीreal maturity  हैऔरWin-Win  के लिए बेहद ज़रूरी है. 

Habit 5: पहले दूसरों को समझो फिर अपनी बात समझाओ.

Communication  लाइफ की सबसे ज़रूरी skill  है. आप अपने कई साल पढना-लिखना और बोलना सीखने में लगा देते हैं. लेकिन सुनने का क्या हैआपको ऐसी कौनसी training  मिली हैजो आपको दूसरों को सुनना सीखाती है,ताकि आप सामने वाले को सच-मुच अच्छे से समझ सकेंशायद कोई नहींक्यों?
अगर आप ज्यादातर लोगों की तरह हैं तो शायद आप भी पहले खुद आपनी बात समझाना चाहते होंगे. और ऐसा करने में आप दुसरे व्यक्तिको पूरी तरह ignore कर देते होंगे ऐसा दिखाते होंगे कि आप सुन रहे हैं,पर दरअसल आप बस शब्दों को सुनते हैं परउनके असली मतलब को पूरी तरह सेmiss  कर जाते हैं.
 सोचिये ऐसा क्यों होता हैक्योंकि ज्यादातर लोग इस intention  के साथ सुनते हैं कि उन्हें reply  करना हैसमझना नहीं है.आप अन्दर ही अन्दर खुद को सुनते हैं और तैयारी करते हैं कि आपको आगे क्या कहना है,क्या सवाल पूछने हैं, etc. आप जो कुछ भी सुनते हैं वो आपकेlife-experiences  से छनकर आप तक पहुचता है.
आप जो सुनते हैं उसे अपनी आत्मकथा से तुलना कर देखते हैं कि ये सही है या गलत. और इस वजह से आप दुसरे की बात ख़तम होने से पहले ही अपने मन में एक धारणा बना लेते हैं कि अगला क्या कहना चाहता है.  क्या ये वाक्य कुछ सुने-सुने से लगते है?

अरेमुझे पता है कि तुम कैसा feel  कर रहे हो.मुझे भी ऐसा ही लगा था.” “मेरे साथ भी भी ऐसा ही हुआ था.” ” मैं तुम्हे बताता हूँ कि ऐसे वक़्तमें मैंने क्या किया था.”

चूँकि आप अपने जीवन के अनुभवों के हिसाब से ही दूसरों को सुनते हैं. आप इन चारों में से किसी एक तरीके से ज़वाब देते हैं:


Evaluating/ मूल्यांकन:पहले आप judge करते हैं उसके बाद सहमत या असहमत होते हैं.
Probing / जाँच :आप अपने हिसाब से सवाल-जवाब करते हैं.
Advising/ सलाह :आप सलाह देते हैं और उपाय सुझाते हैं.


Interpreting/ व्याख्या :आप दूसरों के मकसद और व्यवहार को अपने experience के हिसाब से analyze करते हैं.
शायदआप सोच रहे हों कि, अपनेexperience के हिसाब से किसी सेrelate करने में बुराई क्याहै?कुछsituations में ऐसा करना उचित हो सकत है, जैसे कि जब कोई आपसे आपके अनुभवों के आधार पर कुछ बतानेके लिए कहे, जब आप दोनों के बीच एकtrust कीrelationship हो. पर हमेशा ऐसा करना उचित नहीं है.
 

Habit 6: Synergize / ताल-मेल बैठाना

सरल शब्दों में समझें तो , “दो दिमाग एक से बेहतर हैं ” Synergize करने का अर्थ है रचनात्मक सहयोग देना. यह team-work है. यह खुले दिमाग से पुरानी समस्याओं के नए निदान ढूँढना है.
पर ये युहीं बस अपने आप ही नहीं हो जाता. यह एक process है , और उसी process से, लोग अपनेexperience और expertise को उपयोग में ला पाते हैं .अकेले की अपेक्षा वो एक साथ कहीं अच्छाresult दे पाते हैं. Synergy से हम एक साथ ऐसा बहुत कुछ खोज पाते हैं जो हमारे अकेले खोजने पर शायद ही कभी मिलता. ये वो idea है जिसमे the whole is greater than the sum of the parts. One plus one equals three, or six, or sixty–या उससे भी ज्यादा.
जब लोग आपस में इमानदारी से interact करने लगते हैं, और एक दुसरे से प्रभावित होने के लिए खुले होते हैं , तब उन्हें नयी जानकारीयाँ मिलना प्रारम्भ हो जाता है. आपस में मतभेद नए तरीकों के आविष्कार की क्षमता कई गुना बढ़ा देते हैं.
मतभेदों को महत्त्व देना synergy का मूल है. क्या आप सच-मुच लोगों के बीच जो mental, emotional, और psychological differences होते हैं, उन्हें महत्त्व देते हैं? या फिर आप ये चाहते हैं कि सभी लोग आपकी बात मान जायें ताकि आप आसानी से आगे बढ़ सकें? कई लोग एकरूपता को एकता समझ लेते हैं. आपसी मतभेदों को weakness नहीं strength के रूप में देखना चाहिए. वो हमारे जीवन में उत्साह भरते हैं.
 

Habit 7: Sharpen the Saw कुल्हाड़ी को तेज करें

Sharpen the Saw का मतलब है अपने सबसे बड़ी सम्पत्ति यानि खुद को सुरक्षित रखना. इसका अर्थ है अपने लिए एक प्रोग्राम डिजाईन करना जो आपके जीवन के चार क्षेत्रों physical, social/emotional, mental, and spiritual में आपका नवीनीकरण करे. नीचे ऐसी कुछ activities केexample दिए गए हैं:

Physical / शारीरिक :अच्छा खाना, व्यायाम करना, आराम करना
Social/Emotional /:सामजिक/भावनात्मक :औरों के ससाथ सामाजिक और अर्थपूर्ण सम्बन्ध बनाना.
Mental / मानसिक :पढना-लिखना, सीखना , सीखना.
Spiritual / आध्यात्मिक :प्रकृति के साथ समय बीताना , ध्यान करना, सेवा करना.


आप जैसे -जैसे हर एक क्षेत्र में खुद को सुधारेंगे, आप अपने जीवन में प्रगति और बदलाव लायेंगे.Sharpen the Saw आपको fresh रखता है ताकि आप बाकी की six habits अच्छे से practice कर सकें. ऐसा करने से आप challenges face करने की अपनी क्षमता को बढ़ा लेते हैं. बिना ऐसा किये आपका शरीर कमजोर पड़ जाता है , मस्तिष्क बुद्धिरहित हो जाता है, भावनाए ठंडी पड़ जाती हैं,स्वाभाव असंवेदनशील हो जाता है,और इंसान स्वार्थी हो जाता है. और यह एक अच्छी तस्वीर नहीं है, क्यों?

आप अच्छा feel करें , ऐसा अपने आप नहीं होता. एक balanced life जीने काअर्थ है खुद कोrenew करने के लिए ज़रूरी वक़्त निकालना.ये सब आपके ऊपरहै .आप खुद को आराम करकेrenew कर सकते हैं. या हर काम अत्यधिक करके खुद को जला सकते हैं . आप खुद को mentallyऔर spiritually प्यार कर सकते हैं , या फिर अपने well-being से बेखबर यूँ ही अपनी ज़िन्दगी बिता सकते हैं.आप अपने अन्दर जीवंत उर्जा का अनुभव कर सकते हैं या फिर टाल-मटोल कर अच्छे स्वास्थ्य और व्यायाम के फायदों को खो सकते हैं.

आप खुद को पुनर्जीवित कर सकते हैं और एक नए दिन का स्वागत शांति और सद्भावके साथ कर सकते हैं.या फिर आप उदासी के साथ उठकर दिन को गुजरते देख सकतेहैं. बस इतना याद रखिये कि हर दिन आपको खुद को renew करने का एक नया अवसरदेता है, अवसर देता है खुद को recharge करने का. बस ज़रुरत है Desire (इच्छा),Knowledge( ज्ञान)और Skills(कौशल) की.
 

रविवार, 10 फ़रवरी 2019

कल की सोच रखने वाले ही कुछ बड़ा करते हैं. hindi story for positive knowledge

 कल की सोच रखने वाले ही कुछ बड़ा करते हैं.

कुंतालपुर का राजा बड़ा ही न्याय प्रिय था| वह अपनी प्रजा के दुख-दर्द में बराबर काम आता था| प्रजा भी उसका बहुत आदर करती थी| एक दिन राजा गुप्त वेष में अपने राज्य में घूमने निकला तब रास्ते में देखता है कि एक वृद्ध एक छोटा सा पौधा रोप रहा है|

राजा कौतूहलवश उसके पास गया और बोला, ‘‘यह आप किस चीज का पौधा लगा रहे हैं ?’’ वृद्ध ने धीमें स्वर में कहा, ‘‘आम का|’’

राजा ने हिसाब लगाया कि उसके बड़े होने और उस पर फल आने में कितना समय लगेगा| हिसाब लगाकर उसने अचरज से वृद्ध की ओर देखा और कहा, ‘‘सुनो दादा इस पौधै के बड़े होने और उस पर फल आने मे कई साल लग जाएंगे, तब तक तुम क्या जीवित रहोगे?’’ वृद्ध ने राजा की ओर देखा| राजा की आँखों में मायूसी थी| उसे लग रहा था कि वह वृद्ध ऐसा काम कर रहा है, जिसका फल उसे नहीं मिलेगा|

यह देखकर वृद्ध ने कहा, ‘‘आप सोच रहें होंगे कि मैं पागलपन का काम कर रहा हूँ| जिस चीज से आदमी को फायदा नहीं पहुँचता, उस पर मेहनत करना बेकार है, लेकिन यह भी तो सोचिए कि इस बूढ़े ने दूसरों की मेहनत का कितना फायदा उठाया है ? दूसरों के लगाए पेड़ों के कितने फल अपनी जिंदगी में खाए हैं ? क्या उस कर्ज को उतारने के लिए मुझे कुछ नहीं करना चाहिए? क्या मुझे इस भावना से पेड़ नहीं लगाने चाहिए कि उनके फल दूसरे लोग खा सकें? जो केवल अपने लाभ के लिए ही काम करता है, वह तो स्वार्थी वृत्ति का मनुष्य होता है|’’

वृद्ध की यह दलील सुनकर राजा प्रसन्न हो गया , आज उसे भी कुछ बड़ा सीखने को मिला था ! 


कल की सोच रखने वाले ही कुछ बड़ा करते हैं. hindi story for positive knowledge

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कुंतालपुर का राजा बड़ा ही न्याय प्रिय था| वह अपनी प्रजा के दुख-दर्द में बराबर काम आता था| प्रजा भी उसका बहुत आदर करती थी| एक दिन राजा गुप्त वेष में अपने राज्य में घूमने निकला तब रास्ते में देखता है कि एक वृद्ध एक छोटा सा पौधा रोप रहा है|

राजा कौतूहलवश उसके पास गया और बोला, ‘‘यह आप किस चीज का पौधा लगा रहे हैं ?’’ वृद्ध ने धीमें स्वर में कहा, ‘‘आम का|’’

राजा ने हिसाब लगाया कि उसके बड़े होने और उस पर फल आने में कितना समय लगेगा| हिसाब लगाकर उसने अचरज से वृद्ध की ओर देखा और कहा, ‘‘सुनो दादा इस पौधै के बड़े होने और उस पर फल आने मे कई साल लग जाएंगे, तब तक तुम क्या जीवित रहोगे?’’ वृद्ध ने राजा की ओर देखा| राजा की आँखों में मायूसी थी| उसे लग रहा था कि वह वृद्ध ऐसा काम कर रहा है, जिसका फल उसे नहीं मिलेगा|

यह देखकर वृद्ध ने कहा, ‘‘आप सोच रहें होंगे कि मैं पागलपन का काम कर रहा हूँ| जिस चीज से आदमी को फायदा नहीं पहुँचता, उस पर मेहनत करना बेकार है, लेकिन यह भी तो सोचिए कि इस बूढ़े ने दूसरों की मेहनत का कितना फायदा उठाया है ? दूसरों के लगाए पेड़ों के कितने फल अपनी जिंदगी में खाए हैं ? क्या उस कर्ज को उतारने के लिए मुझे कुछ नहीं करना चाहिए? क्या मुझे इस भावना से पेड़ नहीं लगाने चाहिए कि उनके फल दूसरे लोग खा सकें? जो केवल अपने लाभ के लिए ही काम करता है, वह तो स्वार्थी वृत्ति का मनुष्य होता है|’’

वृद्ध की यह दलील सुनकर राजा प्रसन्न हो गया , आज उसे भी कुछ बड़ा सीखने को मिला था ! 


गुरुवार, 17 जनवरी 2019

मेष लग्न ग्रह उच्च राशि नीच राशि स्‍वग्रह राशि 1 सूर्य,मेष तुला सिंह 2 चन्द्रमा, वृषभ वृश्चिक कर्क 3 मंगल, मकर कर्क मेष, वृश्चिक 4 बुध, कन्या मीन मिथुन, कन्या 5 गुरू, कर्क मकर धनु, मीन 6 शुक्र, मीन कन्या वृषभ, तुला 7 शनि, तुला मेष मकर, कुम्भ 8 राहु, धनु मिथुन 9 केतु मिथुन धनु

मेष लग्न
 
मेष लग्न के जातक देखने में दुबले-पतले अर्थात् ना अधिक मोटे और ना ही अधिक पतलेलेकिन अन्दर से मजबूत एवं कठोर होते हैं। मेष लग्न चर लग्न है अर्थात् चलायमान। ये एक जगह टिककर नहीं बैठ सकते हैं निरन्तर क्रियाशील रहना इनके स्वभाव में होता है। लग्न के स्वामी मंगल होने की वजह से सेनापति की भांति अनुशासनप्रिय होते हैं। इन्हें किसी भी कार्य में बैठे रहना पसंद नहीं होता है।
 
ये एक साथ कई कार्य शुरू करते हैं। इन्हें प्रतीक्षा करना पसंद नहीं होता है इसलिए तुरन्त परिणाम न आने पर काम को बीच में ही छो़डने की प्रवृत्ति रखते हैं और अपने इसी स्वभाव के कारण कोई भी कार्य पूरा नहीं कर पाते हैं। मेष लग्न अग्नि तत्त्व लग्न है इसलिए आपको तेज मसालेदार खाना पसंद होता है।
 
तेज मसालेदार भोजन करने की वजह से आपको पित्त संबंधी समस्याएँ अधिक रहती है। आपको अपने खान-पान में कम मसाले वाला भोजन उपयोग करना चाहिए और पानी अधिक से अधिक पीना चाहिए। मसाले वाला तीखा भोजन करने की वजह से आपको पेट संबंधी समस्या भी रहती है।
अग्नि तत्त्व होने से आपको क्रोध बहुत अधिक आता है लेकिन जितनी शीघ्रता से क्रोध आता है उतनी शीघ्रता से उतर भी जाता है। आपको अपने क्रोध पर नियंत्रण रखने का प्रयास करना चाहिए अन्यथा व्यर्थ में ही आपके विरोधी बनते चले जायेंगे। 
 
मेष लग्न का चिह्न मेढ़ा होता है जिस प्रकार मेढ़ा बिना सोचे-समझे अपने शत्रु पर वार करता है उसी प्रकार मेष लग्न वाले जातक भी बिना सोचेबिना सामने वाले की शक्ति का आंकलन किये कार्य करते हैं। अपने संबंधों में मधुरता बनाये रखने के लिए आपको अपनी वाणी एवं व्यवहार में विनम्रता लानी चाहिए।
 
आपको अपने स्वभाव में धैर्य धारण करना चाहिए। आप अत्यधिक महत्वकांक्षी होते हैं। अपनी महत्वकांक्षाओं की पूर्ति के लिए आप लगातार मेहनत करते हैं। आपको योजना बनाना पसंद होता हैनेतृत्व करना पसंद होता है लेकिन किसी के निर्देशन में कार्य करना पसंद नहीं होता है। मेष लग्न के जातक दिल के साफ होते हैं तथा जो भी कहना होता है उसे सामने ही बोल देते हैं।


वृषभ लग्न
 
वृषभ लग्न के जातकों का छोटा कदलेकिन आकर्षक व्यक्तित्व होता है। स्थिर लग्न होने से इनका स्वभाव स्थिरता लिये हुए होता है। ये जो भी कार्य करते हैं उसे पूरा करके ही हटते हैं। राशि चिह्न बैल होने की वजह से ये अत्यंत मेहनती होते हैं तथा लगातार कार्य करते रहना इनका व्यवहार हैं। आप इनसे प्यार से कुछ भी करा सकते हैं लेकिन जबरदस्ती करने पर ये बैल की भाँतिअड़ियल हो जाते हैंउस स्थिति में इनसे कुछ भी कराना मुश्किल होता है। 
 
ये जिद्दी होते हैंइन्हें अपनी जिद्द को छो़डने का प्रयास करना चाहिए। पृथ्वी तत्त्व होने से सहनशीलता का भाव इनमें कूट-कूट कर भरा होता है। जब तक इनसे सहन होता हैकरते जाते हैं। अधिक सहन करने की वजह से कई बार गंभीर बीमारियों से ग्रस्त भी हो जाते हैं। 
 
अत्यधिक मेहनत करने एवं लगातार बिना रूके काम करने की अपनी आदत की वजह से आप अपने खानपान पर भी ध्यान नहीं देते हैं और आपको गैस से संबंधित रोग हो सकते हैं। लेकिन जब किसी की सहायता करते हैं तो अपनी पूर्व शक्ति लगा देते हैं। काम के साथ आपको अपने खाने-पीने पर भी ध्यान देना चाहिए। लंबे समय तक भूखे ना रहकर बीच-बीच में थो़डा-थो़डा खाना चाहिए।
 
शुक्र के प्रभाव होने से अपने कार्यस्थल पर आप हर आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हैं। आप अपने पहनावे पर बहुत अधिक ध्यान देते हैं। समय के साथ अपने रहन-सहन में आप परिवर्तन करते रहते हैं। योजनाबद्ध तरीके से कार्य करना आपको पसंद होता है।
 
हर वस्तु को नियत स्थान पर रखना,  हाथ में लिया गया प्रत्येक कार्य पूर्ण करना,  प्रत्येक सुन्दर वस्तु की ओर आप आसानी से आकर्षित हो जाते हैं। आपको ये लगता है कि आप सही हैं,  गुस्से में आप यह भी भूल जाते हैं कि सामने वाला भी सही हो सकता है। अपने क्रोध एवं क्रोध की स्थिति में किसी के बारे में बनने वाली अपनी सोच को आपको बदलना चाहिए।

मिथुन लग्न

मिथुन लग्न पर बुध का प्रभाव होता है। आप बहुमुखी प्रतिभा के धनी होते हैं आपका मस्तिष्क सदैव विचारमान व गतिमान रहता है इसलिए हर समय कुछ न कुछ आपके मस्तिष्क में चलता रहता है। आपके व्यक्तित्व में सुकोमलता और बालसुलभ क्रियायें सभी को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। 

लग्न के स्वामी बुध होने की वजह से कठिन से कठिन काम को भी आप अपनी बुद्धि कौशल से आसान बना लेते हैं। जिन विषयों में जितनी गहराई अधिक होती है उनके प्रति आपका झुकाव उतना ही अधिक होता हैइसलिए गणित जैसे कठिन विषय के प्रति आपका झुकाव अधिक होता है। आपका मजाकिया स्वभाव होता है कई बार लोग आपकी मजाक को आसानी से नहीं समझ पाते हैं और आपसे नाराज तक हो जाते हैं। 
 
मिथुन लग्न के जातक मध्यम कद के होते हैं। शारीरिक श्रम आपके व्यक्तित्व का हिस्सा नहीं बन जाता है क्योंकि काफी कर्यो का प्रबंधन आप बुद्धि कौशल से सम्पन्न कर लेते हैं। द्विस्वभाव लग्न होने से आपके स्वभाव में भी दोहरापन (वास्तव में लचीलापन) होता है। 
 
समय के अनुसार अपने व्यवहार को बदल लेना अथवा हर परिस्थिति में स्वयं को ढाल लेना,वातावरण को अपने अनुसार ढाल लेना या स्वयं वातावरण के अनुसार ढल जाना आपके स्वभाव की विशेषता होती है। मिथुन लग्न का चिह्न स्त्री-पुरूष का जो़डाजिसमें पुरूष के हाथ में गदा एवं स्त्री के हाथ में वीणा हैजिससे कभी ये कठोर स्वभाव एवं कभी बिल्कुल कोमल व्यवहार लिये होते हैं।
 
मिथुन लग्न के जातक अकेले नहीं रह सकते हैं। आपको मित्रों के साथ बैठना अच्छा लगता है। आप हर आयु वर्ग के व्यक्ति के साथ मित्रता कर भी लेते हैं और उसे निभा भी लेते हैं। आप हर तरह के माहौल में स्वयं को ढाल लेते हैं। प्रत्येक तरह का भोजन आपको पसंद होता है। आप मिश्रित प्रकृति होने के कारण आपको रोग भी मिश्रित अर्थात् कई प्रकार के ही होते हैं। 
 
आपको खान-पान में विशेष रूप से घर से बाहर के खाने का परहेज करना चाहिए। अपनी बहुमुखी प्रतिभा के ही कारण आप कई क्षेत्रों में प्रसिद्धि हासिल करते हैं। आपका व्यवहारिक ज्ञान अच्छा होता है। किसी भी व्यक्ति से अपना कोई काम कैसे करवाया जायेयह व्यवहार कुशलता आपको अच्छी तरह से आती है। हर चीज को सीखने एवं पाने की ललक आप मे रहती है। आप खाली नहीं बैठ सकते हैं। हर समय व्यस्त रहना कुछ नया करने की इच्छा आपमें रहती है। आपका हँसमुख स्वभाव आपको हर जगह लोकप्रिय बनाता है।


कर्क लग्न
 
कर्क लग्न पर चन्द्रमा का प्रभाव होने से आप अति संवेदनशील होते हैं। कर्क लग्न जोकि एक जलतत्त्व है इसलिए जिस प्रकार जल अपने लिए रास्ता बना ही लेता है उसी प्रकार कर्क लग्न के व्यक्ति भी अपना कार्य निकाल ही लेते हैं। चर लग्न है इसलिए लगातार कार्य करना आपका स्वभाव होता है। आपको जलीय स्थानों के नजदीक रहना अधिक प्रिय होता है।
 
ठण़्डी जगहों पर रहना एवं ठण्डी वस्तुओं का सेवन आपको अधिक प्रिय होता है। ठण्डी वस्तुओं के अत्यधिक सेवन से आपको कफ संबंधी समस्या अधिक होती है अत: आपको गर्म वस्तुओं का सेवन भी करना चाहिए। कर्क लग्न के जातक जिनके साथ भावनात्मक रूप से जु़ड जाते हैंउनकी सुरक्षा अपनी जिम्मेदारी मान लेते हैं उनके लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं तथा जिनसे शत्रुता हो जाती है उन्हें बर्बाद करने के लिए कोई कसर नहीं छो़डते हैं।
 
लगातार कार्य करना आपका स्वभाव होता हैबिना थके निरन्तर कार्य करना आपके स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डालता है। आपको अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करना चाहिए। कार्य के घण्टो में से थो़डा समय आराम के लिए भी निकालें। कर्क लग्न के जातक पतले तथा मध्यम कद के होते हैं। जिस प्रकार केक़डा (कर्क राशि का प्रतीक चिह्न) जल एवं भूमि दोनों जगह समायोजन कर लेता है उसी प्रकार कर्क लग्न के व्यक्ति भी हर परिस्थिति में स्वयं को ढाल लेते हैं। 
 
इनकी जीवनशैली ऎश्वर्यपूर्ण होती है। ये अत्यंत धैर्यवान होते हैं कठिन से कठिन समय मे भी घबराते नहीं है। आप अत्यधिक भावनात्मक होते हैं इसलिए आपके निर्णय कई बार गलत भी हो जाते हैं। आपके स्वभाव में कई बार जिद्दीपन आ जाता है। 
 
अपने स्वभाव के इस नकारात्मक पक्ष को छो़डने का प्रयास आपको करना चाहिए। कर्क लग्न वाले जातकों के भाव जब तक बिल्कुल सिर पर नहीं जाते हैंतब तक वो गंभीर नहीं होते हैं लेकिन जब किसी काम को करने की ठान लेंतो उसे करके ही बैठते हैं। इस लग्न में जन्में जातकों के जीवन में अचानक ही परिवर्तन आते हैं।


सिंह लग्न
 
सिंह लग्न के जातक अत्यंत तेजस्वी एवं आत्मविश्वासी होते हैं। अग्नि की ही भांति ऊर्जावान होते हैं किसी भी कार्य को करने से पीछे नहीं हटते हैं जो कार्य प्रारंभ करते हैं उसे पूरा करके ही बैठते हैं। नीतियाँ बनाना एवं उन पर कार्य करना इन्हें पसंद होता है। अनुशासनहीनता इन्हें बर्दाश्त नहीं होती है। जो नियम ये बनाते हैंउन पर स्वयं भी कार्य करते हैं और दूसरों से करवाते भी है। अपना मान सम्मान इन्हें बहुत प्रिय होता है।
 
यदि किसी से कोई वादा करते हैं तो उसे निभाते हैं। ये सब के साथ न तो धुल-मिल नहीं पाते नहीं ये पसंद करते हैं। इन्हें केवल अपने स्तर के व्यक्तियों के साथ ही उठना-बैठना पसंद होता है। स्थिर लग्न होने से इनके स्वभाव एवं व्यवहार में भी स्थिरता होती है। 
 
यह जो भी कहते हैंउस पर अंत तक स्थिर रहते हैं। जिस भी कार्य को ये शुरू करते हैं उससे अंत तक जु़डे रहते हैं। जैसा व्यवहार ये दूसरों के साथ करते हैं,वैसे ही व्यवहार की अपेक्षा अपने लिए भी रखते हैं और ऎसा न होने पर तीखा बोलने से भी पीछे नहीं हटते हैं। सिंह लग्न के स्वामी क्योंकि सूर्य हैंइसलिए इस लग्न के व्यक्ति राजस्वी गुण लिये होते हैं। ऎशोआराम का जीवन पसंद होता है। 
 
कार्य करवाना इन्हें पसंद होता हैस्वयं कार्य करना पसंद नहीं होता है। किसी और के द्वारा किया या कार्य इन्हें पसंद नहीं आता हैचाहे वह कितना ही अच्छा किया गया हो। जल्दी से किसी की बात मानना या उस पर सहमत होना इनके लिए मुश्किल होता है जो इनके संरक्षण में आता हैउसको पूर्ण रूप से सहायता करते हैं। 
 
ये मानसिक और प्रशासनिक कार्य अच्छे से करते हैं शारीरिक कार्य करना इनको पसंद नहीं होता है। सिंह लग्न के व्यक्ति जिनसे प्यार अथवा मित्रता करते हैं उस पर केवल अपना ही अधिकार समझते हैं और ये ईर्ष्या की हद तक होता है। 
 
सिंह लग्न के जातक मध्यम कद एवं संतुलित व्यक्तित्व के व्यक्ति होते हैं। इनका शारीरिक गठन संतुलन लिये हुए होता है। ये दयालु प्रवृत्ति के होते हैं,सबके लिए समान व्यवहार इनके मन में होता है। ये अपनी परम्पराओं से बहुत अधिक जु़डे होते हैं। उन्हें निभाना इनके स्वभाव में होता है।
 
अत्यधिक क्रोध करना एवं तीखा राजसी भोजना अधिक करना आपकी सेहत के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकता है। अपने खान-पान पर एवं क्रोध पर नियंत्रण रखें। आपको पित्त से संबंधित परेशानी हो सकती है। पानी का सेवन अधिक करें। अपने राजसी एवं ऎश्वर्यशाली जीवनशैली पर नियंत्रण रखें। अति किसी भी चीज की हानिकारक होती है।
कन्या लग्न
 
कन्या लग्न में उत्पन्न जातक मध्यम कद के होते हैं। लग्न पर बुध का प्रभाव होने से आप अत्यंत बुद्धिमान होते हैं। आपका व्यक्तित्व ऎसा होता है कि कोई भी सहजता से आपकी ओर आकर्षित हो जाता है। आपका मस्तिष्क अत्यंत रचनात्मक होता है। नित नये विचारों को जन्म देना एवं उस पर कार्य करना आपका स्वभाव है। 
 
पृथ्वी तत्त्व होने से जिस प्रकार पृथ्वी सभी को धारण करती है उसी प्रकार आपके अन्दर भी सहनशीलता कूट-कूट कर भरी होती है। आप जब तक सहा जाये,सहते हैं और यही हर बात को सहन करने की आपकी आदत गंभीर रोगों को जन्म देती है। वायु प्रकृति होने से आप स्वयं को हर परिस्थिति में ढाल लेते हैं। कितनी भी कठिन समस्या हो आप अपना मानसिक संतुलन बनाये रखते हैं तथा समस्याओं से घबराते नहीं है। आप सबको साथ लेकर चलने का प्रयास करते हैं। प्रत्येक व्यक्ति को खुश रखने का प्रयास करते हैं जो किसी के लिए भी संभव नहीं है।
 
आप बिल्कुल साफ दिल के व्यक्ति है। आप छल-कपट नहीं जानते हैंलेकिन किसी कार्य को करने के लिए जिस रणनीति की आवश्यकता है उसका इस्तेमाल आप अवश्य करते हैं। आप स्वयं से जु़डे प्रत्येक व्यक्ति से स्त्रेह करते हैं। प्रत्येक कार्य की लाभ-हानि सोचकर ही आप उस पर कार्य करते हैं। आपका आचरण शुद्ध एवं साफ होता है। किसी के भी प्रति अपने मन में कोई गलत बात नहीं रखते हैं। सभी को माफ करने का स्वभावविपरीत परिस्थितियों में धैर्य रखना एवं समस्याओं का समाधान निकालना की क्षमता आपको विशिष्ठ व्यक्तित्व बनाता है।
 
आप अपनी समस्या सब को नहीं बताते हैं तथा कितनी भी ब़डी समस्या हो आपको देखकर नहीं लगता है कि आप परेशानी में है। सभी प्रकार का भोजन आपको पसंद होता है। जीवन के एक हिस्से में आप सब कुछ नया खाना पसंद करते हैंलेकिन दूसरे हिस्से में आप अपने खान-पान को लेकर अत्यंत जागरूक हो जाते हैं और अपनी सेहत का ध्यान रखते हुये ही खान-पान लेते हैं। आपको गीत-संगीत का शौक होता हैजिसे पूरा करने के लिए आप अपने घर पर पूर्ण व्यवस्था रखते हैं।
 
ये जरूरत प़डने पर सबकी मदद करते हैं। हर संभव सहायता करने के लिए ये तैयार रहते हैं। द्विस्वभाव लग्न होने से कभी तो बहुत भावुक होते हैं तथा कभी इतने कठोर हो जाते हैं कि दूसरे लोग आश्चर्य में प़ड जाते हैं। ये सभी के लिए बहुत करते हैंलेकिन बदले में उचित व्यवहार नहीं मिलने पर उदास एवं दु:खी हो जाते हैं।
 
आपके स्वभाव में अत्यंत कोमलता एवं दूसरों के लिए ममता होती हैलेकिन स्वभाव की यही अत्यधिक कोमलता आपके व्यक्तित्व का नकारात्मक पक्ष भी बन जाता हैजिसका अन्य लोग सद्पयोग करते हैं। हर कार्य को समय से करनाप्रत्येक वस्तु को उसके सही स्थान पर ही रखना इनका स्वभाव होता है। लग्नेश बुध के कारण भाषा पर अच्छी पक़ड एवं वाणी की कुशलता तथा किसी भी बात का तर्कपूर्ण तथ्य ये चाहते हैं। किसी भी बात के ठोस तर्क के बिना ये उसे स्वीकार नहीं करते हैं। शुरू में सब कुछ सहन करना और एक दिन अचानक क्रोधित होना आपको और सामने वाले दोनों के लिए घातक होता है इसलिए समस्याओं को साथ के साथ खत्म करते चलने की अपनी आदत बनाइयें।

तुला लग्न
 
तुला लग्न का स्वामी शुक्र होने के कारण व्यक्ति के व्यक्तित्व में शुक्र का प्रभाव दिखाई देता हैं। इनका ब़डा चेहरासुन्दर और विशाल आँखें,घुंघराले बाल,मध्यम कद और सामान्य शरीर होता है। इनके चेहरे पर एक विशेष आकर्षण होता हैजिस कारण लोग इनकी ओर खींचे चले जाते हैं। 
 
इनका स्वभाव सौम्यता लिये होता है क्योंकि उनको स्वभाव में सब कुछ संतुलित करके चलने की आदत विद्यमान होती है। परन्तु कभी-कभी ये जितने सौम्य होते हैंजरूरत प़डने पर उतने ही कठोर भी बन जाते हैं। ऎसे व्यक्ति व्यवहार पसंद होते हैं और सबको साथ लेकर चलने की प्रवृत्ति होने के कारण सबके साथ एक समान व्यवहार करते हैं।
 
ऎसे व्यक्ति को भोग विलास की वस्तुओं का उपभोग करना और खरीदना ज्यादा पसंद होता है। नई टेक्नोलॉजी इन्हें पसंद होती है। ये व्यक्ति नये चिन्तन व परीक्षण करने वाले (क्रियटिव) होते हैं और संगीत,गायननृत्यएक्टिंग आदि चीजें पसंद करते हैं और ये गुण भी इनमें विद्यमान रहते हैं। ऎसे व्यक्ति अपनी साज-सज्जा और कप़डों पर विशेष रूप से ध्यान रखते हैं। 
 
जिस प्रकार वायु होती है कि एहसास कराया और निकल गई उसी प्रकार ऎसे व्यक्ति अपना काम निकाल कर कब चले जाते हैंपता ही नहीं चलता। ऎसे व्यक्ति अच्छा खाने और अच्छा पहनने के शौकीन होते हैं।
 
इन्हें वात संबंधी पेरशानी अधिक रहती है। तुला लग्न के साथ-साथ अगर शुक्र बलवान हो तो इनके काम संबंधी बातें बढ़ जाती हैं तो ऎसे व्यक्ति को अपनी कार्य प्रणाली में पेंटिग्ससंगीतनृत्य आदि क्रेटिविटी को भी शामिल कर लेना चाहिए। ऎसे व्यक्तियों के ऑफिस में इंटीरियर बहुत अच्छा देखने को मिलता है।
 
ऎसे व्यक्तियों की फ्रैण्डलिस्ट में महिला मित्रों की संख्या अधिक होती है। ऎसे व्यक्ति बहुत जल्दी ही हर माहौल में समझौता कर लेते हैंचाहे वो थो़डा आधुनिक हो या पारम्परिक। हमेशा इनका अलग ही रूप देखने को मिलता है। ऎस व्यक्तियों मे हाजिर जवाब क्षमता अद्भूत होती है और पहनावा भी अच्छा होता है। इनके अन्दर राजाओं की तरह रहन-सहन,खान-पान वाले गुण पाये जाते हैं। ऎसे व्यक्ति अच्छे बिजनसमैन साबित होते हैं। 

ऎसे व्यक्ति एक जगह टिक कर नहीं बैठ सकते। इन्हें हमेशा किसी ना किसी काम की आवश्यकता होती है,नहीं तो इनका समय अपने शौक को पूरा करने में व्यतीत हो जाता है। ऎसे व्यक्ति आदर्शवादी होते हैं और साहित्यप्रिय होने के कारण इनकी लेखन क्षमता भी अच्छी होती है। इनका वायु तत्त्व होने के कारण ये लोग अक्सर योजनाएं बनाते हुए मिल जाते हैं परन्तु उन पर क्रियान्वयन नहीं कर पाते।


वृश्चिक लग्न
इनके व्यक्तित्व पर मंगल का प्रभाव अधिक देखने को मिलता है। ये लम्बे और पतले होते हैं। स्वभाव में उग्रता होने के कारण नेतृत्व शक्ति अच्छी होती है परन्तु स्थिर स्वभाव होने के कारण जीवन में स्थिरता रहती है। हर काम को टिक कर करते हैं। जल तत्त्व होने के कारण जिस तरह जल कभी बहुत शान्त और कभी उसमें उग्रता आने पर सब-कुछ तहस-नहस कर देता है वहीं बातें इनमें भी पायी जाती हैं। इसलिए इन्हें अपने क्रोध पर नियंत्रण बनाये रखना चाहिए क्योंकि ऎसे में अक्सर ये लोग अपना ही नुकसान कर बैठते हैं। 
बिच्छु का चिह्न होने के कारण जिस तरह बिच्छु पीछे से डंक मारता है उसी प्रकार ऎसे व्यक्ति जब किसी बात पर रिएक्ट करना होता है तो साथ के साथ न करके बाद में उस बात का बदला अवश्य लेते हैंजो कभी-कभी खतरनाक साबित हो जाता है। ऎसे व्यक्ति बहुत जल्दी घुल-मिल जाते हैं और सभी के बीच में अपनी जगह बना लेते हैं। ऎसे व्यक्तियों की याददाश्त बहुत अच्छी होती है और कुछ भी भूलते नहीं है। ऎसे व्यक्तियों में सहन शक्ति बहुत होती है। ऎसे व्यक्तियों को चटपटा खाना पसंद होता है। परन्तु इन्हें तीखा नहीं खाना चाहिये अन्यथा शरीर में पित प्रकृति बढ़ जाने से परेशानी उठानी प़ड सकती है।
इनके स्वभाव में क्रोध रहता है परन्तु दिल के नरम होते हैं। इन्हें मैनेजमेंट पसंद होता है। अनुशासनहीनता इन्हें पसंद नहीं होती हैन तो ये कर पाते हैं और ना ही सहन कर पाते हैं। इनमें उदारता का गुण भी मिलता है। ये चंचल मस्तिष्क वाले तथा अधिक भावुक प्रकृति के होते हैंजिस कारण इन्हें छोटी-छोटी बातों का बुरा लग जाता है। इन्हें अपनी भावनाओं पर नियंत्रण बनाये रखना चाहिए और भोजन समय पर करना चाहिए। ये आराम पसंद होते हैं।

परन्तु अगर मैनेजमेंट इनके हाथों में हो तो उसे बखूबी निभाते हैं। ये लोग दृढ़ निश्चयी होते हैं जिस कारण अपने निर्णय पर टिके रहते हैं। कभी-कभी वह प्रकृति नुकसानदेय साबित होता है क्योंकि ये लोग अपने गलत निर्णयों पर भी स्थिर रहते हैं। इन्हें चाहिए कि जब कोई प्रिय या वरिष्ठ साथी/रिश्तेदार समझाएं तो अपने निर्णयों का पुनर्विलोकन चाहिए। ये लोग योजनाबद्ध तरीके से कार्य करते हैंचाहे उसके लिए इन्हें कितना भी इंतजार करना प़डे। इनमें धैर्य और संयम की प्रधानता होती है।


धनु लग्न
 
इनके व्यक्तित्व में गुरू का प्रभाव देखने को मिलता हैजिस कारण ये लोग आस्तिक और दर्शन शास्त्र में रूचि रखते हैं। इनकी छाती पुष्ठ और ऊंची है और ब़डा शरीर होने के साथ-साथ कद सामान्य होता है। इनकी कफ विकृत्ति होने के कारण इन पर मौसम के परिवर्तन का बहुत जल्दी प्रभाव प़डता हैजिसके लिए इन्हें सादा पानी और आयुर्वेदिक दवाइयों का अधिक प्रयोग करना चाहिए। ऎसे व्यक्तियों की आध्यात्म और ज्योतिष के प्रति रूचि अधिक होती है। 
 
ऎसे व्यक्ति बुद्धिमान होते हैं। ऎसे व्यक्ति सबसे श्रेष्ठ होते हैं और बहुत ज्ञाता होते हैंलेकिन अगर गुरू बहुत बलवान हो जाये तो ऎसे व्यक्तियों में अपने ज्ञान को लेकर थो़डा अहंकार भी आ जाता है और वह अपने ज्ञान का बखान करने लगते हैं।
 
ऎसे व्यक्ति अपनी बातों में गंभीरता लिये होते हैं। धनीसम्मानित और समाज में प्रतिष्ठित होते हैं। ये लोग अच्छे सलाहकार साबित होते हैंपरन्तु बिना मांगे किसी को सलाह देने से बचें अन्यथा आलोचना के पात्र बन सकते हैं। इन लोगों की वित्त प्रबंधन/सलाह अच्छी होती है। ये लोग पैसों का हिसाब-किताब भलीभांति रख पाते हैं। ऎसे व्यक्तियों में लगातार अपने लक्ष्य की ओर केन्द्रित रहते हैं और जब तक उसको प्राप्त नहीं कर लेतेतब तक शान्ति से नहीं बैठते हैं। 
 
ऎसे व्यक्ति हमेशा प्रसन्नचित्त अवस्था में रहते हैं। ऎसे व्यक्तियों की ज्यादातर रूचि अपने पारम्परिक व्यवसायों को आगे बढ़ाने में ही रहती है। इस गुण के कारण कभी-कभी थो़डे पुराने विचार व्यक्तित्व में मुख्य रूप से केन्द्रित होने लगते हैं। इनमें दूरदर्शिता का गुण भी देखा जाता है जिस कारण इनके कार्यो में हानि की मात्रा में भी कमी आती है। ये लोग ईश्वरप्रिय होने के कारण गलत कार्यो से दूरी बनाये रखते हैं और कभी-कभी चिन्तित भी हो जाते हैं।
 
ये लोग आदर्शवादी होने के कारण उत्साही रहते हैं। इन लोगों में छल-कपट की भावना नहीं होती और कभी इनके साथ ऎसा होने पर ये लोग काफी समय तक उस बारे में सोचते रहते हैंतो इन्हें अपनी इस आदत का बदलने का प्रयास करना चाहिए। इन लोगों को मीठा अधिक पसंद होता है जिस कारण ये थो़डे मोटे होते हैं और इन्हें मीठे का सेवन कम करना चाहिए। क्योंकि इनमें डायबिटिज होने की भी संभावना बनी रहती है। 

कभी-कभी अन्य लोग इन्हें दूसरों के खिलाफ भ़डकाने का प्रयास करते हैंपरन्तु ये लोग अपनी सूझ-बूझ और समझदारी का परिचय देते हुए उन बातों पर गौर नहीं करते। ये लोग ईमानदार होते हैं। ये लोग खजांची होते हैं। धन संयम/प्रबंधन (वर्तमान में वित्तीय प्रबंधक या सलाहकार) की कला से ओतप्रोत रहते हैं।


मकर लग्न
 
इनके व्यक्तित्व पर शनि का प्रभाव दिखाई प़डता है। इनकी आँखें गहरी और सुन्दर होती है। इनका कद लम्बा परन्तु शरीर से ये पतले होते हैं। मेहनती होते हैं,इसलिए बिना रूके निरन्तर कार्य करते रहते हैंजिस कारण इनके किये हुए कार्यो में गलतियों की संभावना कम रहती है। ये लोग जितने मेहनती होते हैंकभी-कभी उतने ही आलसी भी हो जाते हैं। 
 
ऎसे व्यक्ति दृढ़ निश्चयी और संयमी होते हैं। जीवन से आने वाली बाधाओं से घबराते नहीं हैंबल्कि उनका डटकर मुकाबला करते हैं। अगर ये लोग बदला लेने पर आ जाये तो पीछे नहीं हटते। दूसरों की मदद करने वाले होते हैं। ये लोग हँसमुख होते हैं। 
 
ये लोग खर्चीलें होते हैंइन्हें धन बचाने की आदत शुरू से करनी चाहिए। ये लोग कम समय में किसी भी परिस्थिति में अपने का ढालने में दक्ष होते हैं। इनके जीवन में बहुत सारी इच्छाएँ होती हैं परन्तु इनकी सफलता धीरे-धीरे मिलती है। इनमें झुककर चलने की आदत होती हैये लोग अपनी आँखें नीची करके चलते हैं। इनका सिर ब़डा और नाक लम्बी होती है।
 
ये लोग जितने समझदार दिखते हैंउससे ज्यादा समझदार होते हैं। ऎसे व्यक्ति गलत बातें सहन नहीं कर पाते चाहे उस विरोध में अकेले ही रह जाये। ऎसा करना कभी-कभी घातक सिद्ध होता है। इसलिए अपने आप संयम बनाये रखें और ज्यादा क्रोध ना करें। ऎसे व्यक्ति अपनी समझदारी और सूझ-बूझ का परिचय देते हुए ब़डी ही आसानी से अपना कार्य करवा लेते हैं। 
 
हर विषय में इनकी रूचि रहती है और हर क्षेत्र में सफलता पाना चाहे हैं और अपनी मेहनत और लगन से सफलता हासिल कर भी लेते हैं। इनको न्याय पसंद होता है और कभी किसी के साथ धोखा नहीं करते। ऎसे व्यक्ति बहुत जल्दी असफलता मिलने पर निराश हो जाते हैं परन्तु थो़डी देर अकेले समय बिताने पर सोच-विचार करके निराशा से बाहर भी आ जाते हैं और अपने कार्यो में जुट जाते हैं। ऎसे व्यक्ति फिजूल की बातें में अपना वक्त जाया नहीं करते और अपने भविष्य के बारे में सोचते हैं।
 
कभी-कभी आलस्य आने पर ये लोग अपना पूरा-पूरा दिन तक खराब कर देते हैं और फिर इन्हें इस बात का अफसोस होता है। इन्हें अपने आलस्य को छो़डकर कार्यो में जुट जाना चाहिए। ये लोग परोपकारी होते हैं और अनुशासन पसंद करते हैं। अपने सिद्धान्तों पर जीतेे हैं और लोगों से भी वही उम्मीद करते हैं अन्यथा दण्ड देने से भी पीछे नहीं हटते हैं। इन्हें अपना एकाधिकार पसंद होता है इसलिये ऎसे व्यक्तियों के ज्यादा मित्रगण नहीं होते क्योंकि ये किसी पर विश्वास नहीं कर पाते हैं।


कुंभ लग्न
 
कुंभ लग्न के व्यक्तित्व पर शनि का प्रभाव दिखाई प़डता है। ऎसे व्यक्ति लम्बेपतले,सुन्दर और आकर्षित दिखते हैं। कमर थो़डी-सी झुकी हुई या हल्का सा झुककर चलन इनकी आदत में शुमार होता है। इनकी आँखें गहरी होती हैं और नीचे की ओर देखकर ही चलते हैं। ऎसे व्यक्ति दिल के साफ और महत्त्वकांक्षी होते हैं। अपने कार्यो में किसी का हस्तक्षेप सहन नहीं करते। 
 
ऎसे व्यक्ति परोपकारी और उदार होते हैं। ऎसे व्यक्ति चि़डचि़डे होते हैं और समूह के साथ कार्य करना अच्छा लगता है इसलिए उनके मित्र भी अधिक होते हैं। इन्हें लोगों को साथ लेकर चलना अच्छा लगता है।
 
परन्तु ये अपने द्वारा किये हुए कार्यो का श्रेय लेने से बचते हैं और हमेशा पीछे रहकर ही कार्य करना पसंद होता है। ये लोग थो़डे शर्मीले होते हैं इसलिए भी़ड में आकर अपनी बात नहीं कह पाते। इन्हें खुलकर अपनी बात कहने का प्रयास करना चाहिए। ये जितने अच्छे लेखक साबित होते हैंउतना वाक्-कौशल नहीं होते हैंइन्हें बहुत जल्दी गुस्सा आ जाता हैपरन्तु जितनी जल्दी आता हैउतनी ही जल्दी शान्त भी हो जाता है। ऎसे व्यक्तियों की साहित्य में रूचि होती है और अच्छे साहित्यकार के रूप में भी सामने आते हैं। 
 
इन्हें अपने व्यवहार में थो़डा-सा परिवर्तन करना चाहिए। दूसरों की बातें सुनना और अपनी बातों को खुलकर बोलने की आदत डालनी चाहिए। ऎसे व्यक्ति कठोर परिश्रमी होती हैं परन्तु कभी-कभी आलसी भी हो जाते हैं। इन्हें आलस्य को त्यागकर कार्यो में लगे रहना चाहिए।
 
ऎसे व्यक्ति विषयों की गहराई मे जाकर सोचते हैं,परन्तु इनकी सोच और लोगों की सोच से भिन्न होती है इसलिए लोग इनकी बातों को आसानी से समझ नहीं पाते। ऎसे व्यक्ति आध्यात्म के प्रति रूचि रखते हैं और इनकी दर्शन शास्त्र में भी विशेष रूप से रूचि होती है और अपनी दिनचर्या में भी उसे शामिल करते हैं। 

ऎसे व्यक्ति बहुत धीरे-धीरे सोच समझकर कार्य करने वाले होते हैं और संघर्षशील होते हैं। ऎसे व्यक्ति में सबसे अलग व्यवहार और संयमशील होने की आदत होती है। कभी-कभी इनका स्वाभिमान अहंकार में परिवर्तित होने लगता है। इसके लिए इन्हें हमेशा अपन स्वाभिमान को महत्त्व नहीं देना चाहिए। कभी-कभी दूसरों की खुशी का भी ध्यान रखकर कार्य कर लेना चाहिए।


मीन लग्न
 
मीन लग्न वाले व्यक्ति का व्यक्तित्व गुरू के समान होता है। मध्यम ऊंचाईगोल और सुन्दर आँखें और थो़डे मोटे होते हैं। ऎसे व्यक्ति थो़डे से जिद्दीधार्मिक और संयमी होते हैं। गुरू के समान आदर और सम्मान पाने वाले होते हैं। बहुत जल्दी लोगों के बीच में अपनी जगह बना लेते हैं। चेहरे पर एक तेज होता है। ऎसे व्यक्ति अच्छे वक्ता,गुरू और सलाहकार साबित होते हैं। थो़डे से पारम्परिक होते हैं अत: आसानी से अपनी ज़डों से दूर नहीं जा पाते।
 
इन्हें आसानी से गुस्सा नहीं आता परन्तु जब आता है तो कोई भी नहीं बचा पाता। ऎसे व्यक्ति गंभीर होते हैं और सभी बातें भूल सकते हैं परन्तु अपनी परम्परा और सिद्धान्तों को नहीं भूल सकते। धर्म के विरूद्ध जाकर ना तो कुछ करते है और ना ही करने देते हैं,महत्वकांक्षी होते हैं। इन्हें स्वतंत्र रहना पसंद होता है,परन्तु अपने से ब़डों द्वारा कहीं गई बातें पर अमल करते हैं। 
 
थो़डे से कंजूस होते हैंपरन्तु अपने ऊपर खर्चा करने से पीछे नहीं हटते। आत्मविश्वासी होते हैं और अपने आत्मविश्वास के कारण ही सफलता प्राप्त करते हैं और सम्मान पाते हैं। धार्मिक ग्रन्थों और साहित्य के प्रति इनकी रूचि होती है और अच्छे गुरू साबित होते हैं। अक्सर लोग अपनी परेशानी लेकर इन लोगों के पास आते हैं और इनसे सलाह पाकर खुश भी होते हैं। धार्मिक कार्यो में धन खर्च करने से पीछे नहीं हटते और धन संचय करने की आदत भी इनमें देखी जाती है।
 
अपने कार्यो को करने में दक्ष और दृढ़ निश्चयी होते हैं। इसी कारण कार्यो को समय से पहले कर लेना इनकी विशेषता होती है। ये सम्मान करना बखूबी जानते हैं। ऎसे व्यक्ति अपनी उम्र से ब़डी-ब़डी अर्थात् परिपक्व बातें करते हैं और इन्हें सुनना अच्छा लगता है। इनकी कार्यप्रणाली सादी और सरल होती है परन्तु ये लोक अक्सर ज्ञान बाँटते हुए दिखाई देते हैं।
 
ये लोग गलती करने पर सजा भी देते हैं और कभी-कभी नम्र और कभी-कभी कठोर भी बन जाते हैं। इनका मुख्य उद्देश्य धर्म के प्रति ज्ञान अर्जित करना और बाँटना होता हैचाहे फिर वह इसके लिए लोगों को डराना ही क्यों ना प़डे। इन्हें समझना थो़डा-सा मुश्किल होता है। इन्हें अपनी सोच दूसरों पर नहीं थोपनी चाहिए और उन्हें समझने का प्रयास करना चाहिए। इससे लोग उनका ज्यादा सम्मान करेंगे और लोग खुलकर उनसे अपनी बातें कह पायेंगे।





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