टेढ़ापन क्या होता है?
लिंग में टेढ़ापन आने की स्थिति को पेरोनी रोग (Peyronie's disease) के नाम से भी जाना जाता है। यह एक ऐसी स्थिति होती है, जिससे किसी व्यक्ति पर कई भावनात्मक और रिलेशनशिप से जुड़े कई प्रभाव पड़ते हैं। लिंग में टेढ़ापन, लिंग के ऊतकों में क्षति होने के कारण होता है, इन ऊतकों में स्कार (Scar/ ऊतकों में किसी प्रकार की क्षति जैसे चोट या जलने आदि के बाद वहां पर एक स्थायी चिह्न बन जाना) बनने लग जाते हैं। ऊतकों में बनने वाले स्कार को प्लेक (Plaque) के नाम से भी जाना जाता है। लिंग ऊपर की तरफ मुड़ा है या नीचे की तरफ इसके अनुसार ही प्लेक का स्थान व आकार निर्धारित होता है। लिंग में टेढ़ापन धीरे-धीरे हो सकता है जो गांठ बनने और दर्द के साथ शुरू हो सकता है, जो बाद में एक कठोर स्कार के रूप में विकसित हो सकता है। लिंग में टेढ़ापन अचानक से भी हो सकता है, जो लगभग रातभर का समय लेता है। लिंग का टेढ़ापन सबसे स्पष्ट रूप से लिंग स्तंभन (Erection) के दौरान दिखाई देता है।
यह लिंग के अंदर टेढ़े तंतुओं (रेशों) का निर्माण होने की वजह है।
लिंग में टेढ़ापन का निम्न स्थितियों के द्वारा वर्णन किया जाता है:
- लिंग स्तंभन के दौरान दर्द होना।
- संभोग के दौरान दर्द और कठिनाई महसूस होना, यह अक्सर प्रारंभिक लक्षण होता है। (और पढ़ें - सेक्स के दौरान दर्द का इलाज)
- संभोग करने के बाद लिंग में दर्द व सूजन आना। (और पढ़ें - पेनिस में सूजन का इलाज)
- लिंग छोटा पड़ जाना या संकुचित हो जाना (कुछ मामलों में)।
- लिंग में टेढ़ेपन के बिंदु के नीचे कोई कठोर जगह या गांठ महसूस होना।
- स्कार ऊतकों की उपस्थिति लिंग में टेढ़ेपन की सतह से स्पष्ट दिखाई देना।
- लिंग में गंभीर टेढ़ापन होने के कारण शारीरिक संबंध बनाने में अक्षमता।
- दर्दरहित लेकिन टेढ़ापन काफी स्पष्ट रूप से दिखाई देना और छूने पर सख्त ऊतक महसूस होना।
- सामान्य जीवन में हस्तक्षेप होने के कारण डिप्रेशन और अन्य मानसिक लक्षण।
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कुछ मामले में पेरोनी रोग के साथ होने वाला लिंग में टेढ़ापन बिना किसी उपचार के अपने आप ही ठीक हो जाता है।
डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
अगर लिंग का टेढ़ापन या दर्द, आपको सेक्स करने से रोक रहा है या अगर यह समस्या आपमें किसी प्रकार की चिंता का कारण बन रही है, तो अपने डॉक्टर से इस बारे बात करनी चाहिए।
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लिंग के टेढ़ापन के कारण और जोखिम कारक - Peyronie's disease Causes & Risks in Hindi
लिंग में टेढ़ापन किस कारण से होता है?
लिंग में टेढ़ापन या पेरोनी रोग का कारण अस्पष्ट है। ऐसा माना जाता है कि लिंग में टेढ़ापन किसी प्रकार के आघात (चोट लगना या सेक्स करते समय लिंग अचानक से मुड़ जाना) के कारण होता है, क्योंकि इससे लिंग के अंदर रक्तस्त्राव होने लगता है। इसमें यह भी हो सकता है कि आघात या चोट लगने के दौरान पता भी ना चला हो। कुछ अन्य मामलों में यह धीरे-धीरे समय के साथ विकसित होता है, जो आनुवंशिक या वंशानुगत स्थिति से जुड़ा हो सकता है। माता-पिता से जीन के माध्यम से संतान में भेजे जाने वाले गुण, दोष या बीमारियां आदि को आनुवंशिक या वंशानुगत कहा जाता है।
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इसके अलावा ऐसी कई प्रकार की दवाएं हैं जो साइड इफेक्ट के रूप में लिंग में टेढ़ापन विकसित कर सकती हैं। साइड इफेक्ट के रूप में पेरोनी रोग विकसित करने वाली दवाओं में निम्न शामिल हो सकती हैं:
- बीटा ब्लॉकर्स (Beta blockers) – ये दवाएं अक्सर हृदय संबंधी रोगों औ हाई ब्लड प्रेशर आदि के लिए दी जाती हैं।
- डिलान्टिन (Dilantin) – मिर्गी व दौरे आदि को रोकने के लिए इन दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है।
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जोखिम कारक –
ऐसा माना जाता है कि लिंग में टेढ़ापन की समस्या 1 प्रतिशत से भी कम लोगों को होती है।
लिंग में छोटी-मोटी या मामूली चोट लगना हमेशा पेरोनी रोग का कारण नहीं बनती। हालांकि ऐसे कई कारक हैं जो घाव ठीक होने की गति को कम करते हैं और स्कार ऊतक बनने का कारण बनते हैं। ये कारक लिंग में टेढ़ापन विकसित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इन कारकों में निम्न शामिल हैं:
- आनुवंशिकता (Heredity) – कुछ मामलों में जो लोग लिंग में टेढ़ापन होने की संभावना से जुड़े हैं, उनमें इस समस्या की संभावना वंशानुगत रूप से हो सकती है। यदि आपके पिता या भाई आदि को पेरोनी रोग है, तो आपमें भी यह समस्या होने के जोखिम अधिक बढ़ जाते हैं।
- संयोजी ऊतक विकार (Connective tissue disorders) – जिन लोगों को कनेक्टिव टिश्यू डिसऑर्डर है, उनमें लिंग में टेढ़ापन विकसित होने की समस्या का जोखिम बढ़ जाता है। उदाहरण के लिए काफी सारे लोग जिनको पेरोनी रोग है
- उम्र – पेरोनी रोग होने की संभावना उम्र के साथ ही बढ़ती है, 55 साल की उम्र के बाद यह समस्या अधिक होती है। यद्यपि यह रोग बच्चों से वद्धों तक किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। (और पढ़ें - बढ़ती उम्र की समस्या)
- अन्य कारक – कुछ निश्चित प्रकार की स्वास्थ्य स्थितियां, धूम्रपान और कुछ प्रकार की प्रोस्टेट सर्जरी आदि लिंग में टेढ़ापन विकसित होने की समस्या से जुड़ी हो सकती हैं। (और पढ़ें - प्रोस्टेट कैंसर सर्जरी)
- प्रोस्टेट कैंसर का इलाज करने के लिए की जाने वाली कुछ प्रकार की सर्जिकल और रेडिएशन थेरेपी जैसे इलाज के बाद भी लिंग में टेढ़ापन आ सकता है।
- जिन लोगों को हाइपरटेंशन या डायबिटीज आदि की समस्या है, उनके लिए पेरोनी रोग की समस्या आम मानी जाती है।
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लिंग के टेढ़ापन से बचाव के उपाय - Prevention of Peyronie's disease in Hindi
लिंग में टेढ़ापन आने से बचाव कैसे करें?
पुरूषों को इस बात का एहसास नहीं होता है कि वे शारीरिक संभोग के दौरान अपने लिंग को भी क्षति पहुंचा सकते हैं। जिससे सेक्स करना मुश्किल और यहां तक की असंभव भी हो सकता है। इस प्रकार की चोटों से बचने के लिए ऐसी कई चीजें हैं जो पुरूष व उसकी पार्टनर कर सकते हैं।
पुरुष की उम्र के साथ-साथ उसके लिंग स्तंभन की कठोरता में कमी आने लगती है और कठोरता को बनाए रखने में भी काफी मुश्किल हो सकती है। स्तंभन में कठोरपन की कमी होने से लिंग क्षतिग्रस्त हो सकता है, क्योंकि तीव्र सेक्स क्रिया में लिंग में मोड़ आ सकता है। नीचे कुछ सुझाव दिए गए हैं, जो मदद कर सकते हैं। (और पढ़ें - सेक्स के फायदे)
- जब किसी व्यक्ति को स्तंभन दोष होता है और शारीरिक संभोग बनाना उसके लिए मुश्किल या असंभव हो जाता है, तो डॉक्टर उसके लिए कुछ दवाएं लिख सकते हैं। लिंग में क्षति होने से बचाव रखने के लिए सबसे पहला कदम, लिंग स्तंभन की कठोरता में कमी महसूस होते ही इन दवाओं (डॉक्टर द्वारा बताए गए) का इस्तेमाल करना चाहिए। (और पढ़ें - लंबे समय तक सेक्स करने के उपाय)
- महिला साथी को सेक्स करने से पहले यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि उसकी योनी लूबरीकेटेड (चिकनाईयुक्त या नम) है। अगर योनि में पर्याप्त चिकनाई नहीं है तो उन्हें कुछ प्रकार के ओवर-द-काउंटर (बिना डॉक्टर की पर्ची के मिलने वाले उत्पाद अथवा दवाएं) लूबरीकेंट्स का इस्तेमाल करना चाहिए। (और पढ़ें - सेक्स के बाद रक्तस्राव)
- सेक्स करने के दौरान ध्यान रखना चाहिए और हाथ की मदद से लिंग को ठीक पोजिसन में रखना चाहिए।
- संभोग के दौरान उन आसनों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए जिसमें महिला साथी ऊपर हों, क्योंकि इन पॉजिशन से लिंग में मोड़ आने का जोखिम बढ़ जाता है। (और पढ़ें - फोरप्ले क्या है)
- सेक्स पॉजिशन कैसी भी हो, संभोग के दौरान पुरुष का लिंग सीधी अवस्था में ही होना चाहिए। ऐसी पॉजिशन या गति का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए जिससे लिंग में मोड़ या मरोड़ आ जाए। (और पढ़ें - कामसूत्र के पोजीशन)
- जब पुरुष थका हुआ होता है या उसने अत्याधिक शराब पी रखी होती है, तो ऐसे में संभोग से बचना चाहिए। क्योंकि ऐसी स्थिति में लिंग स्तंभन पर भरोसा नही किया जा सकता है।
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लिंग के टेढ़ापन का निदान - Diagnosis of Peyronie's disease in Hindi
लिंग में टेढ़ापन होने की स्थिति का परीक्षण कैसे किया जाना चाहिए?
परीक्षण के दौरान डॉक्टर आपसे आपके लक्षणों के बारे में पूछेंगे। इस दौरान डॉक्टर लिंग की जांच करेंगे और उसमें स्कार ऊतकों के कठोर हिस्सों और हाथ लगाने पर दर्द होना जैसी स्थितियों का पता लगाएंगे। आम तौर पर, इस समस्या का परीक्षण करने के लिए इसी की आवश्यक होती है। लिंग के अंदर रेशेदार प्लेक को हाथ से टटोल कर आपके डॉक्टर हालत का पता लगाने में सक्षम हो सकते हैं।
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- कभी-कभी लिंग का अल्ट्रासाउंड किया जाता है, जिस दौरान संदिग्ध हिस्से में इन्जेक्शन द्वारा एक डाई लगाई जाती है। डाई लिंग के तंतुमय हिस्से का पता लगाने में मदद करती है, खासकर जब उपचार के लिए योजना तैयार की जा रही हो। (और पढ़ें - शुक्राणु की जांच कैसे करें)
- अगर लिंग में कैल्शियम जमा है तो एक्स-रे की मदद से उसको देखा जा सकता है। (और पढ़ें - एलर्जी टेस्ट कैसे होता है)
- फाईब्रोसिस की डिग्री को निर्धारित करने के लिए कभी-कभी तने हुऐ लिंग की तस्वीरों की आवश्यकता पड़ सकती है। यदि सर्जरी द्वारा मरम्मत करने की योजना बनाई जा रही है, तो लिंग में क्षति की मरम्मत के सबसे बेहतर तरीके का पता करने के लिए लिंग की और विस्तार से जांच करने की आवश्यकता पड़ती है।
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लिंग का टेढ़ापन का उपचार - Peyronie's disease Treatment in Hindi
लिंग में टेढ़ापन की स्थिति का इलाज कैसे किया जा सकता है?
पेरोनी रोग के कारण थोड़ा-बहुत टेढ़ापन होने पर उसका इलाज करने की जरूरत नहीं होती। चूंकि कुछ लोगों में यह स्थिति अक्सर अपने आप ठीक हो जाती है, इसलिए डॉक्टर अक्सर सर्जरी करने से पहले मरीज को एक साल तक ठीक होने का इंतजार करने के लिए कह सकते हैं।
अगर स्थितियां निम्न हों तो आमतौर पर डॉक्टर अक्सर वेट-एंड-सी (सावधान रहना और इंतजार करना) प्रक्रिया का सुझाव देते हैं।
- अगर आपके लिंग में टेढ़ापन गंभीर नहीं है और अधिक बद्तर नहीं है।
- आप अभी भी ठीक से बिना दर्द के स्तंभन प्राप्त कर रहे हैं और संभोग करने में सक्षम हैं।
- अगर आपकी लिंग स्तंभन प्रक्रिया ठीक से काम कर रही है।
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यदि आपके लक्षण गंभीर हैं या समय के साथ-साथ और बद्तर होते जा रहे हैं, तो आपके डॉक्टर दवाओं या सर्जरी के द्वारा इसका इलाज शुरू कर सकते हैं।
दवाएं –
पेरोनी रोग का इलाज करने के लिए कई प्रकार की दवाओं को प्रयोग करके देखा गया है। लेकिन इन दवाओं ने कोई स्थिर प्रभाव नहीं दिखाया है और वे सर्जरी प्रक्रिया की तरह प्रभावी साबित नहीं हो पाई हैं।
पेंटोक्सिफाइलिन (Pentoxifylline) एक ओरल (मुंह द्वारा ली जाने वाली) दवा है, जिसका इस्तेमाल लिंग में टेढ़ापन संबंधी समस्याओं के लिए किया जाता है। यह दवा कुछ महीने लगातार लेने से यह लिंग में स्कार ऊतकों की मात्रा को कम कर सकती है।
कुछ मामलों में, दवाओं को इन्जेक्शन द्वारा सीधे लिंग में इन्जेक्ट किया जाता है, जो पेरोनी रोग से जुड़े दर्द एवं टेढ़ेपन को कम करने में मदद करता है। इन्जेक्शन के दौरान होने वाले दर्द को कम करने के लिए आपको लोकल अनेस्थेटिक (कुछ भाग को सुन्न करने वाली दवा) दिया जा सकता है।
अगर निम्न में से ही आपको कोई उपचार दिया जा रहा है तो आपको कई इन्जेक्शन लगवाने पड़ सकते हैं। इन दवाओं को ओरल दवाओं के साथ संयोजन के रूप में भी दिया जा सकता है।
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इन दवाओं में निम्न शामिल हैं -
- कोलेजिनेज़ (Collagenase) – इस थेरेपी में पेरोनी रोग से जुड़ा टेढ़ापन और अन्य परेशानियों में सुधार होते देखा गया है। यह थेरेपी लिंग में टेढ़ेपन का कारण बनने वाले कोलेजन के निर्माण को तोड़ने के रूप में काम करती है।
- वेरापैमिल (Verapamil) – इस दवा का इस्तेमाल आमतौर पर हाई ब्लड प्रेशर का इलाज करने के लिए किया जाता है। ऐसा लगता है कि यह कोलोजन के निर्माण को भी बधित करता है। कोलेजन एक प्रकार का प्रोटीन होता है, जो पेरोनी रोग के स्कार ऊतकों का निर्माण करने वाला मुख्य कारक है।
- इंटरफेरोन (Interferon) – यह एक प्रकार का प्रोटीन होता है, जो रेशेदार ऊतकों का उत्पादन होने में बाधा उत्पन्न करता है और उनको तोड़ता है।
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सर्जरी –
लिंग में टेढ़ापन की गंभीर स्थितियां जिसमें लिंग अधिक मुड़ जाता है, जो किसी व्यक्ति को संभोग करने से भी वंचित रखती है। ऐसी स्थितियों में सर्जरी काफी मददगार प्रक्रिया है। पेरोनी रोगों के मरीजों के लिए सर्जरी की दो प्रक्रियाएं होती हैं, पैलिकेशन (Plication) और प्लेक रिमूवल (Plaque removal)।
जब स्तंभन होता है तो टेढ़ापन के कारण लिंग की एक साइड लंबी तथा एक साइड छोटी हो जाती है।
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पैलिकेशन – इस प्रक्रिया में डॉक्टर लिंग की बड़ी साइड के विपरित दिशा में ऑपरेशन करके लिंग की बड़ी साइड को छोटा करते हैं, जहां पर स्कार या प्लेक स्थित होते हैं। इस प्रक्रिया में डॉक्टर लिंग को सीधा रखते हैं, जिससे मरीज का लिंग स्तंभन रख पाता है। लेकिन इसके कारण लिंग स्तंभन थोड़ा कम हो जाता है।
इस प्रक्रिया को आउटपेशेंट बेसिस (सर्जरी के बाद उसी दिन अपने घर जा सकते हैं) के अनुसार किया जाता है और इस प्रक्रिया में डॉक्टर शरीर से कोई त्वचा नहीं निकालते। पैलिकेशन सर्जरी के 90 प्रतिशत से भी अधिक मामले सफल रहते हैं।
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प्लेक या स्कार टीश्यू रिमूवल – इस प्रक्रिया में डॉक्टर प्लेक या स्कार वाले ऊतकों को निकाल देते हैं, जिससे लिंग की छोटी साइड खुल जाती है और लिंग सीधा हो पाता है। यह प्रक्रिया आमतौर पर उन लोगों के लिए होती है जिनका स्तंभन गंभीर रूप से मुड़ा हुआ है।
प्लेक निकालने के बाद डॉक्टर स्तंभन कक्ष में हुए रिक्तस्थान में ग्राफ्ट भर देते हैं। यह ग्राफ्ट मरीज के शरीर के किसी अन्य हिस्से से निकाली जाती है।
इस प्रक्रिया के 75 प्रतिशत मामले सफल हो जाते हैं। इस प्रक्रिया से लिंग स्तंभन की लंबाई को संरक्षित करने में मदद करती है। लेकिन लिंग स्तंभन इतना लंबा नहीं होता जितना यह पेरोनी रोग से पहले था।
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लिंग का टेढ़ापन की जटिलताएं - Peyronie's disease Complications in Hindi
लिंग में टेढ़ापन होने से क्या जटिलताएं हो सकती हैं?
पेरोनी रोग होने पर निम्न जटिलताएं हो सकती हैं:
- शारीरिक संबंध बनाने में असमर्थता।
- स्तंभन प्राप्त करने और उसे बनाए रखने में कठिनाई (स्तंभन दोष)। (और पढ़ें - हस्तमैथुन के नुकसान)
- यौन क्षमता या लिंग के आकार आदि के कारण तनाव व चिंता। (और पढ़ें - तनाव दूर करने के उपाय)
- अपने यौन साथी के साथ अपने रिलेशनशिप में तनाव। (और पढ़ें - सेक्स लाइफ को बेहतर बनाने के उपाय)
- शारीरिक संभोग में मुश्किल या असंभव होने के कारण पिता बनने में कठिनाई।
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